Cyber Fraud Arrest: वाराणसी साइबर थाने की पुलिस ने करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गैंग के छ: सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ वाराणसी कमिश्नरेट के लालपुर पांडेयपुर थाने में धोखाधड़ी, आईटी एक्ट समेत विभिन्न थानों में कई मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने इनके पास से भारी मात्रा में मोबाइल फ़ोन, इंश्योरेंस डाटा पेपर आदि बरामद किया है।
लालपुर पांडेयपुर थाना क्षेत्र के खजुरी निवासी सर्वेश कुमार चौबे नाम के एक व्यक्ति ने 16 मई को अपने साथ पूर्व में हुए बीमा के सिक्योरिटी के नाम पर 9 लाख रुपए के धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर यह मामला साइबर क्राइम थाने की पुलिस को सौंपा गया। जिसके बाद साइबर थाने की पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक, सर्विलांस, सीडीआर एनालिसिस व एनी तकनीकों का प्रयोग करते हुए मामले की जांच शुरू की। जिसके बाद पुलिस ने दबिश देते हुए गैंग के 6 सदस्यों को गिरफ्तार (Cyber Fraud Arrest) किया। अब पुलिस उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत करते हुए आगे की विधिक कार्यवाही कर रही है।
पकड़े गए अभियुक्तों में बलिया निवासी ओमप्रकाश (30 वर्ष), गाजियाबाद के मुरादनगर का निवासी जितेंद्र सिंह (30 वर्ष), गाज़ियाबाद के चितौड़ा का निवासी सुमित कुमार सिंह (32 वर्ष), बागपत का रहने वाला मोनू कुमार गिरी (31 वर्ष), अमरोहा का रहने वाला अशोक कुमार (32 वर्ष), अमरोहा के मीरपुर का रहने वाला अजीत सिंह (30 वर्ष) हैं। पुलिस इन सभी के खिलाफ विधिक कार्यवाही (Cyber Fraud Arrest) में जुटी हुई है। आईएनएस सभी के खिलाफ लालपुर-पांडेयपुर थाने में आईटी एक्ट व विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं।

Cyber Fraud Arrest: ठगी के लिए बनाया था फर्जी कॉल सेंटर
पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि हम सभी लोग योजना बनाकर फर्जी काल सेंटर नोएडा के सेक्टर 63 में किराये का आफिस/फ्लैट लेकर करते हैं। साथ ही हम लोग अलग अलग नामों से अपनी पहचान छिपाकर फर्जी मोबाइल नम्बरों का प्रयोग करके इन्श्योरेन्स पालिसी के प्राप्त डाटा के अनुसार बात कर लोगों से उनके फंसे हुए प्रिमियम/मेच्योरिटी दिलाने तथा बैंकिंग/बीमा ओम्बुड्स मैन (बैंकिग/बीमा लोकपाल) की फाइलों के निस्तारण के नाम पर रजिस्ट्रेशन फीस, प्रोसेसिंग फीस, जी.एस.टी. इत्यादि का झांसा देते हुए अवैध रुप से पैसा प्राप्त कर साइबर ठगी (Cyber Fraud Arrest) करते है।
बताया कि हम लोगों ने योजना बनाकर वाराणसी के खजुरी के रहने वाले सर्वेश कुमार चौबे की बीमा लोकपाल में 03 फाइलें एफटीसी 2429, एफटीसी 2227, एफटीसी 2548 लम्बित दिखाते हुए सितम्बर 2022 से मार्च 2023 तक करीब 09 लाख रुपये का साइबर फ्रॉड किया है।
ठगी के पैसे अलग-अलग खातों में मंगाए
इसके अलावा ठगी के उपरोक्त पैसों (Cyber Fraud Arrest) को विभिन्न लोगों को झांसे में लेकर प्राप्त खातों में पैसा मंगाकर एटीएम से निकाल लिया। हम लोगों ने विभिन्न व्यक्तियों को झांसा देकर खाता एटीएम कार्ड ले लिया था, तथा उसमें अपना फर्जी मोबाइल नं0 अटैच कर लिया था। हम सभी लोग पहले इंडिया इन्फो लाइन इन्श्योरेन्स पालिसी सेल करने वाली (इन्श्योरेन्स ब्रोकर कम्पनी) कम्पनी में कई वर्षो तक काम कर चुके थे। कम्पनी के बंद होने पर सुमित चौधरी निवासी मेरठ ने स्टोर डाटा को हम लोगो को दे दिया था। हम लोगों ने उसी डाटा का दुरुपयोग कर लोगो के साथ साइबर फ्राड किया।
Cyber Fraud Arrest: नाम बदलकर किया फ्रॉड
इस मुकदमे में हम लोगो में से ओमप्रकाश ने अवस्थी व विनय कुमार मिश्रा बनकर तथा जितेन्द्र विक्रमा राना बनकर, सुमित दूबे और राय साहब बनकर तथा मोनू गिरी पी.सी. वर्मा एवं अशोक लारेंस डिसूजा बनकर तथा अजीत ने मनोज चौधरी व राम चन्द नारायण तलर बनकर कालिंग करते थे। इसके साथ ही हम लोगों ने इसी प्रकार विभिन्न फर्जी नामों का प्रयोग करते हुए साइबर ठगी (Cyber Fraud Arrest) किया है। इस तरह के साइबर ठगी से प्राप्त पैसों को फ्लैट का किराया व बिजली बिल आदि का खर्च करीब 25 हजार रुपये देने के बाद बचे पैसों को आपस में बराबर बराबर बांट लेते है। हम लोगो ने साइबर फ्राड से करोड़ों रुपये कमाए हैं। जिसमें ज्यादातर पैसा खाने पीने, ऐशो आराम व परिवार आदि में खर्च कर दिए हैं।
Highlights
ये सामान हुए बरामद
पुलिस ने इनके पास से चार आई फ़ोन, जिसकी कीमत लगभग पांच लाख रुपए, 5 मल्टीमीडिया एन्ड्रायड मोबाइल (कीमत लगभग – 5 लाख रूपये), 10 की- पैड मोबाइल फोन, विभिन्न कंपनियो के कई सिम कार्ड, एक आधार कार्ड, तीन विभिन्न बैंकों के डेबिट कार्ड, एक सोनी कंपनी का लैपटॉप व दस हजार पांच सौ रुपए नगद बरामद किया है। इसके साथ ही पूछताछ में पुलिस को इनके कई बैंकों में खाते होने की बात पता चली है। जिसे सीज करने की कार्यवाही की जा रही है।