राहुल सोनी
वाराणसी। महाशिवरात्रि का व्रत विशेष फलों को प्रदान करने वाला होता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, यह पर्व शिव और सती के मिलन का है। इस दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से महादेव की कृपा और वरदान अवश्य मिलता है, साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
मार्कण्डेय महादेव मंदिर धाम कैथी वाराणसी के पुजारी नितेश गोस्वामी ने बताया कि महाशिवरात्रि शिव पार्वती के मिलन का महापर्व है। यह भगवान शिव के प्रमुख पर्वों में एक है। फागुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारम्भ भी इसी दिन से हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग (जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है) का उदय हुआ था। इसी दिन भगवान शिव का विवाह हिमाचल की पुत्री देवी पार्वती के साथ हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव व पार्वती जी के पूजा का विधान है। यह पूजा अर्चना व्रत रखने के दौरान की जाती है। साल में होने वाली सभी 24 त्रयोदशियो में 12 शिवरात्रि में सबसे अधिक मान्यताओं वाली महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

भारत सहित पूरी दुनिया में महाशिवरात्रि का पावन पर्व अत्यंत उत्साह के साथ मनाया जाता है। वाराणसी- गाजीपुर मार्ग स्थित कैथी गांव में गंगा गोमती के संगम पर स्थित मार्कंडेय महादेव धाम की द्वादश ज्योर्तिलिंग के समकक्ष मान्यता है। यहां महाशिवरात्रि का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पावन बेला के साक्षी पूर्वांचल के लाखों शिव भक्त होंगे। वहीं मार्कंडेय महादेव घाट पर पावन पर्व के उपलक्ष्य में मुक्ति सेवा आश्रम के महंत गिरिनारी महाराज के ओर से तीन दिन भजन संध्या के साथ महाभंडारा चलाया जा रहा है। वहीं शनिवार शाम आठ बजे गाजे-बाजे के साथ शिवबारात कैथी गांव के समाजसेवी संस्थाओं द्वारा निकाली जाएगी। दस बजे मंदिर परिसर में पहुंचकर (सेवादार) साफ सफाई का काम करेंगे।

4-5 लाख लोगों की जुटेगी भीड़
महाशिवरात्रि पर्व मार्कंडेय धाम में दो दिवसीय मेला लगता है। वैसे तो यहां प्रत्येक मास में दोनों त्रयोदशी को मेला लगता है, लेकिन शुक्रवार को मार्कंडेय महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए पूर्वांचल के लाखों लोग जलाभिषेक कर मन्नत के बहाने पुण्य के भागीदार बनेंगे।
महाशिवरात्रि पर सुरक्षा के मद्देनजर हर प्वाइंट पर पुलिस तैनात की गई है। मौसम साफ होने की वजह से महाशिवरात्रि पर यहां 4 से 5 लाख लोगों के जलाभिषेक का अनुमान लगाया जा रहा है। इस मौके पर मंदिर के पुजारी मुन्ना गिरी, लालू गिरी, विनोद गिरी, पप्पू गिरी, नितेश गिरी आदि दर्जनों गोस्वामी समिति के लोगों के ग्रामीणों ने समाजसेवी संस्थाओं ने शिव भक्तों की सेवा के तत्पर दिखाई दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शिव भक्तों का आना शुरू हो चुका है।