ED Action: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी पर शिकंजा कसते हुए सोमवार सुबह गोरखपुर में उनकी कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज से जुड़े 8 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई 754 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में की जा रही है। यह छापे लखनऊ, नोएडा, गोरखपुर, दिल्ली और मुंबई के विभिन्न स्थानों पर मारे गए।
गौरतलब है कि विनय शंकर तिवारी, पूर्वांचल के प्रभावशाली नेता और दिवंगत हरिशंकर तिवारी के पुत्र हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले 18 मार्च 2024 को विनय तिवारी की कंपनी की लगभग 31 करोड़ की 12 संपत्तियाँ अटैच की थीं।
महाराजगंज में भी दबिश
इसके अतिरिक्त, महाराजगंज जनपद के पकड़ड़िया गांव में विनय शंकर तिवारी के रिश्तेदार और जिला पंचायत सदस्य दीपक पांडेय के आवास पर भी ED ने छापा मारा। यह छापा सुबह 6:30 बजे दो गाड़ियों में आई टीम द्वारा डाला गया।
ED Action: कई कंपनियों के नाम पर खरीदी गई संपत्तियाँ
ED की रिपोर्ट के अनुसार, गंगोत्री इंटरप्राइजेज और इसकी सहयोगी कंपनियों रॉयल एम्पायर मार्केटिंग और कंदर्प कंस्ट्रक्शन के जरिए बैंकों से मिली भारी-भरकम कैश क्रेडिट लिमिट का दुरुपयोग किया गया। इन फंड्स को निजी संपत्तियों की खरीद में लगाया गया।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस घोटाले के मुख्य आरोपियों में विनय शंकर तिवारी, उनकी पत्नी रीता तिवारी और अजीत कुमार पांडेय को बताया है। उल्लेखनीय है कि फरवरी 2024 में ED पहले ही इनसे जुड़ी करीब 103 करोड़ की संपत्तियाँ जब्त कर चुका है।
CBI से मिली शिकायत के आधार पर कार्रवाई
इस पूरे मामले की जांच की नींव CBI की प्राथमिकी से पड़ी, जिसमें गंगोत्री इंटरप्राइजेज और इससे जुड़े लोगों पर बैंक ऑफ इंडिया और अन्य छह बैंकों से 1129 करोड़ की कैश क्रेडिट लिमिट लेकर गबन करने का आरोप लगा था। इस फंड को विभिन्न रियल एस्टेट संपत्तियों में निवेश किया गया।
Highlights
राजनीतिक पृष्ठभूमि
विनय शंकर तिवारी ने 2007 में राजनीति में कदम रखा। 2017 में उन्होंने बसपा के टिकट पर चिल्लूपार सीट से जीत दर्ज कर पहली बार विधानसभा में प्रवेश किया। हालांकि, 2022 में सपा में शामिल होने के बाद वह चुनाव हार गए।