Cyber Fraud: वाराणसी में साइबर ठगी का एक और मामला सामने आया है। शहर के ककरमत्ता निवासी योगेन्द्र कुमार श्रीवास्तव (75 वर्षीय) से ठगों ने लाखों रूपये ठग लिए। योगेन्द्र को साइबर ठगों ने सात दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर नौ लाख रूपये ऐंठ लिए है। इसकी शिकायत खुद पीड़ित योगेन्द्र ने भेलूपुर पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस मुकदमा दर्ज मामले की जांच में जुटी है।
Cyber Fraud: बीते 4 अक्टूबर को आया था वीडियो कॉल
पुलिस को दर्ज की गई शिकायत में योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बीते 4 अक्टूबर को एक अनजान नंबर से उनके पास वीडियो कॉल आया। आश्चर्य की बात यह रही कि कॉल करने वाले ने खुद को और लोई नहीं बल्कि डीसीपी आलोक सिंह बताया और उसे डराने-धमकाने लगा। ठगी (Cyber Fraud) ने योगेन्द्र के व्हाट्सऐप पर उनका अरेस्ट ऑर्डर भेजा, जिसमें उनपर रुपयों की धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज होने की बात थी और तो और उस अरेस्ट आर्डर पर डीजीपी और पुलिस हेडक्वार्टर की मुहर लगी थी।
व्हाट्सएप पर भेजे कई आर्डर पपत्र
ठगी करने वाले ने अरेस्ट आर्डर के अलावा योगेन्द्र को सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, गवर्नर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और अन्य कई प्रकार के कोर्ट ऑर्डर व प्रपत्र भी भेजे। इससे डरकर उसके जालसाज (Cyber Fraud) में फंस गए। जब भी योगेन्द्र मदद के लिए किसी को कॉल करने जाते तो वह उन्हें यह कहकर रोक देते कि पुलिस आपके आसपास है और नजर बनाए हुए है। जब योगेन्द्र ने अपनी सफाई में यह कहा कि मै किसी भी प्रकार के के गलत गतिविधियों में शामिल नहीं हूं तो उन्होंने जांच के नाम पर पैसे भेजने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि जांच के बाद पैसे वापस मिल जाएंगे।
डरे हुए और सहमे हुए योगेंद्र कुमार कचहरी स्थित एसबीआई बैंक गए और वहां से उन्होंने आरोपी के अकाउंट (सिटी यूनियन बैंक रामकिशोर सिंह जोधपुर) में 9 लाख रुपये डाल दिया। 9 लाख लेने के बाद भी आरोपी उनसे पैसा मांगने लगा। जिसके बाद योगेन्द्र ने इस पूरे मामले (Cyber Fraud) की जानकारी अपने परिवार को दी और फिर पुलिस के पास गए। पुरे मामले की शिकायत करते हुए मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस आगे की जांच और छानबीन में जुटी है।

