Prayagraj: महाकुंभ में शनिवार शाम एक बार फिर आग लगने की घटना सामने आई, जब सेक्टर 18 और 19 के बीच स्थित श्रीराम चरित मानस सेवा प्रवचन मंडल के शिविर में अचानक आग भड़क उठी। घटना करीब शाम 6 बजे की बताई जा रही है, जब मेले में भारी भीड़ मौजूद थी।
आग की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन शिविर में रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया।
नोटों से भरे बैग जलने की आशंका
शिविर में मौजूद एक बाबा ने दावा किया कि वहां तीन बैग नोटों से भरे रखे थे। इनमें से एक बैग सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन बाकी दो बैग के जलने की आशंका जताई जा रही है। आग लगने के सही कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन अधिकारियों ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
Prayagraj:दमकल गाड़ियों के पहुंचने में हुई देरी
महाकुंभ में मौजूद जबरदस्त भीड़ के कारण दमकल और एम्बुलेंस को मौके पर पहुंचने में देरी हुई। हालांकि, आग लगने के तुरंत बाद प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास शुरू कर दिए थे।
महाकुंभ में आग लगने की यह चौथी घटना
महाकुंभ में पिछले 28 दिनों में यह चौथी बार आग लगने की घटना हुई है, जिससे सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले भी अलग-अलग सेक्टरों में आग की घटनाएं हो चुकी हैं:
- 19 जनवरी: सेक्टर 19 में गीता प्रेस के कैंप में आग लगी थी, जिसमें 180 कॉटेज जलकर खाक हो गए।
- 30 जनवरी: सेक्टर 22 में आग लगने से 15 टेंट जल गए।
- 7 फरवरी: सेक्टर 18 के शंकराचार्य मार्ग पर आग लगने से 22 पंडाल जल गए।
- 15 फरवरी: सेक्टर 18 और 19 के बीच आग लगी, जिसे समय रहते बुझा लिया गया।
महाकुंभ से दंडी स्वामी संतों की विदाई
महाकुंभ में संगम की रेती पर एक महीने से प्रवास कर रहे दंडी स्वामी संतों ने त्रयोदशी के अवसर पर अपना अंतिम स्नान किया और फिर अपने-अपने मठों की ओर प्रस्थान कर गए।
Highlights
अखिल भारतीय दंडी परिषद के प्रमुख जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम जी ने बताया कि माघ पूर्णिमा पर पुण्य स्नान के बाद कल्पवास समाप्त होता है, लेकिन कल्पवास के दौरान जाने-अनजाने में दृष्टि, श्रवण या स्पर्श से हुए पापों को त्रिजटा स्नान से शुद्ध किया जाता है।