बॉलीवुड के गलियारों में गदर-2 की चर्चा जोरों पर है। सनी देओल एक बार फिर से गदर मचाने आ रहे हैं. ग़दर के अगले पार्ट को लेकर जहां अमीषा पटेल और सनी देओल एक्साईटेड हैं. वहीँ फैंस भी इस मूवी का इंतज़ार काफी बेसब्री से कर रहे हैं. यह फिल्म इतनी खास जो है. ये एक इतिहास नहीं, बल्कि इस फिल्म ने ही हिंदी सिनेमा में एक इतिहास रच डाला था. 2001 में फिल्म रिलीज़ के समय केवल थिएटर ही नहीं, बल्कि थिएटर के बाहर भी खूब गर्दा मचा था. इसके चर्चे गली, मोहल्लों से लेकर चाय की अड़ियों और चुरहों तक होते थे.

भारत-पाकिस्तान बंटवारे के के दौरान की कहानी थी…लिहाजा हिंदू-मुस्लिम का एंगल आना लाजिमी भी था. लेकिन उस वक्त कहीं से खबर फैली कि गदर एक एंटी मुस्लिम मूवी है लिहाजा लोगों खासतौर से मुसलमानों के दिलों में उस वक्त एक अलग सी भावना जागी. उस वक्त इस फिल्म में ही नहीं बल्कि रीयल लाइफ में भी खूब गदर देखने को मिला. एक इंटरव्यू में फिल्म के निर्देशक अनिल शर्मा ने बताया कि उस वकत कई थियेटर्स को आग के हवाले कर दिया गया खासतौर से भोपाल और हैदराबाद से ये खबरें आई थीं. इतना ही नहीं लंदन में तो पर्दे पर कांच की बोतलें तक फेंकी गई जिसके बाद वहां कांच के सामान को थियेटर्स में बैन कर दिया गया था. उस वक्त स्थिति ये थी कि थियेटर्स के बाहर स्पेशल फोर्स तक की तैनाती करनी पड़ी थी. हर 6-6 घंटे में उनकी ड्यूटी चेंज की जाती थी क्योंकि दिन में 8-8 शोज हुआ करते थे. खैर इतना सब होने के बावजूद फैंस में इस फिल्म के लिए गजब का क्रेज था जो आज तक बरकरार है. फिलहाल गदर 2 की रिलीज डेट तो अनाउंस नहीं की गई है लेकिन आगे की कहानी जानने के लिए कोई इंतजार कर है.