जुआ सट्टा {Gambling and Betting} के मकड़जाल में फंसकर लोगों की जिंदगी तबाह हो रही है। रातोंरात करोड़पति बनने का सपना देखने वाले लोग शार्टकट तरकीब अपना रहे हैं, जिसका खामियाजा जिंदगी गवांने के बाद उसके परिवार को भुगतना पड़ रहा है। बीते रविवार को वाराणसी के बहादुरपुर बाजार (लोहता) में ब्रेड विक्रेता पिंटू सिंह (49) ने अपनी दुकान में ही फांसी लगाकर जान दे दी। इसकी भी जान जाने के पीछे ऑनलाइन सट्टा {Gambling and Betting} को ही वजह बताया जा रहा है।
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ऐसे ही लाखों करोड़ों पाने के लालच में ऐसे कई लोग कर्ज लेकर दांव लगा बैठते हैं और दांव चूकने पर उन्हें जिंदगी गंवानी पड़ जाती है। ऐसे कई लोग पीड़ित हैं, जिनका जुआ सट्टा की लत ने घर बार छीन लिया। फिर भी लाखों के कर्ज का तगादा झेल रहे हैं, जिससे पूरा परिवार दहशत के साये में जीने मजबूर हैं।
Gambling and Betting : रातोंरात करोड़पति बनने का सपना
सबसे खास बात यह है कि रातोंरात करोड़ बनने के हसीन सपने को पूरा करने के लिए जुआ सट्टा {Gambling and Betting} में किस्मत आजमा रहे हैं और उसमें दांव लगाने के लिए पैसे उन सूदखोरों से लेते हैं, जिनका पेट राशि अदायगी के बाद भी नहीं भरता। अनाप-शनाप ब्याज और वसूली के लिए किसी भी हद को पार कर देने की वजह से लोग मानसिक रूप से पूरी तरह टूट जाते, जिसका नतीजा अंत में इसी ब्रेड विक्रेता की तरह सामने आता है।
यह गंभीर समस्या समाज के लिए नासूर
यह गंभीर समस्या समाज के लिए नासूर है, जिसका अंत दूर-दूर तक नजर नहीं आता। इसके पीछे कई वजह है। पीड़ित लोग सामने नहीं आते, जिसके चलते समस्या का पता नहीं चलता। पता तब चलता है, जब इसी तरह कोई बड़ी घटना होती है। लोग मानसिक रूप से बहुत परेशान होते हैं। उनमें इतना साहस भी नहीं बच पाता कि गलत के खिलाफ आवाज उठाए। हालांकि कई बार लोग आवाज भी उठाते हैं, लेकिन सिस्टम से बंधी प्रशासनिक व्यवस्था में सब धरी की धरी रह जाती है, जिसके चलते लोगों को न्याय नहीं मिल पाता।
हाईटेक सट्टा का फैलता मकड़जाल
इंटरनेट के चलन में आने के बाद साइबर क्राइम में{Gambling and Betting} भी इजाफा हुआ है। ऑनलाइन सटोरियों का पता लगा पाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि अभी भी पुलिस कई तकनीकी समस्या से जुझ रही है। वहीं अपराधी तकनीक से पूरी तरह लैस है। फिर भी आए दिन ऑनलाइन सटोरिए पुलिस के गिरफ्त में आ रहे हैं। लेकिन इनका नेटवर्क बहुत बड़ा है, जिसे पकड़ पाना बड़ी चुनौती है। धीरे धीरे पुलिस भी तकनीक के मामले में आगे बढ़ रही है। लगातार गुम या चोरी हुए मोबाइल को खोज निकाल ले रही है और उसे वापस कर लोगों के चेहरे में मुस्कान बिखेर रही है।
ऐप के जरिये बुकी लगवा रहे बोली
क्रिकेट के किसी फॉरमेट के मैच, सबमें सट्टेबाज और बुकी सक्रिय हैं। न केवल लोकल स्तर पर बल्कि, अब यह ऑनलाइन माध्यम तथा ऐप के जरिये वृहद पैमान पर फैल गया है। पिछले वर्षों में पुलिस और क्राइम ब्रांच ने कई गिरफ्तारियां की, हालांकि सट्टेबाजी का धंधा और बढ़ता चला गया। अब कई तरह के ऐप के जरिये सट्टेबाजी {Gambling and Betting} का खेल चल रहा है। लोग ऐप के जरिये पैसा लगा रहे हैं।
काल के खेल में हारी कई ज़िंदगीया
क्रिकेट में सट्टे {Gambling and Betting} की लत के बाद कर्ज में डूबे लोहता के ब्रेड विक्रेता के आत्महत्या की पहली घटना नहीं है, इसके पहले भी घटनाएं हुई हैं। लक्सा के गीता मंदिर क्षेत्र का दीपक गुप्ता उर्फ लड्डू (30 वर्ष) ठेले पर रेडिमेड कपड़े बेचता था। मई 2019 में बेटी आस्था (10), रिया (6) और मान्या (5) को जहर खिलाया। इसके बाद खुद भी जहर खा लिया। दीपक आईपीएल काफी पैसा हार गया था। इसी तरह जनवरी 2022 में शहाबाबाद (रोहनिया) के बर्तन कारोबारी के बेटे नागेंद्र जैन (30) ने गंगा में कूदकर जान दे दी थी।
जिंदगी में शार्टकट की कोई जगह नहीं
कहते हैं जिंदगी का दूसरा नाम संघर्ष है और ये संघर्ष अंतिम सांस तक चलता है। ये जहां हरेक को अवसर देता है कि ले लो अपने सामर्थ्य अनुसार जो चाहिए। लेकिन उसे पाने के लिए कड़ी धूप में पसीना बहना पड़ेगा। भरी बरसात और कड़कड़ाती ठंड की परवाह किए बगैर लक्ष्य के लिए आगे बढ़ने से वो खुशी मिलेगी, जिससे आत्मिक संतुष्टि होगी। और इसी का जिंदगी भर उपभोग किया जाता सकता है।
वहीं जोखिम भरे शार्टकट तरीके से आए हुए पैसे का कभी भी उपभोग नहीं किया जा सकता। क्योंकि वो जैसे आता है, वैसे चले भी जाता है। और इसी तरह जांन गवाने {Gambling and Betting} का खतरा बना रहता है।