- गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) को गंगा स्नान, दान-पुण्य करना बहुत ही लाभकारी होता है।
- भक्त्तों को पापों से मुक्ति मिलती है और मुक्ति मोक्ष का भी लाभ प्राप्त होता है।
- मां गंगा के चरणों में आस्था की डुबकी लगाकर सभी ने सुख-समृद्धि की कामना की।


ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। कहा जाता है कि गंगा दशहरा के दिन स्नान-दान का अलग ही महत्व है। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और गंगाजल का प्रयोग करना बहुत ही लाभकारी होता है। गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के दिन मां गंगा के चरणों में आस्था की डुबकी लगाकर आराधना करने से भक्त्तों को पापों से मुक्ति मिलती है और मुक्ति मोक्ष का भी लाभ प्राप्त होता है। इस साल गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) 30 मई, मंगलवार यानी आज के दिन मनाया जा रहा है।


इसी को देखते हुए आज वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर भी गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का हुजुम नजर आया। मां गंगा के चरणों में आस्था की डुबकी लगाकर सभी ने सुख-समृद्धि की कामना की। लाखों की संख्या में भक्तों ने गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य किया।


गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) को देखते हुए प्रशासन भी मुस्तैद रही
वहीं गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के पर्व को देखते हुए प्रशासन द्वारा भी पुख्ता इंतजाम किए गए। गोदौलिया चौराहे पर बैरिकेड लगाकर घाट की ओर जाने वाले वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाया गया। वहीं गंगा स्नान के लिए भी सुरक्षा का भरपूर ध्यान देते हुए पानी में भी बैरिकेड और नेट का जाल चारों ओर लगाया गया ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी घटना ना घटित होने पाए। इसी के साथ ही जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम वहां पुरे समय मुस्तैद रही।



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एक ओर जहां घाट के इस पार का नजारा भक्त्तों की भक्त्ति में रमा नजर आया वहीं दूसरी ओर गंगा उसपार भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। वहां भी जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम द्वारा सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया गया। सभी लोगों ने मां गंगा का आर्शीवाद लेते हुए दान-पुण्य कर इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया।


इसके महत्व के बारे में बताते हुए पुरोहित विवेकानंद पाण्डेय ने कहा कि भागीरथ के द्वारा मां गंगा का अवतरण इसी दिन धरती पर हुआ था और इसीलिए आज के दिन दूर-दराज से लोग मां गंगा का आर्शीवाद प्राप्त करते है और दान पुण्य करते है।


वहीं बिहार की आई एक श्रद्धालु ने कहा कि आज गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) है और काशी जो अपने आप में पवित्र नगरी है, ऐसे में हम यहां आए है और इस पर्व के महत्व को देखते हुए हमने गंगा स्नान किया और मां गंगा से सुख समृद्धि की कामना की।


वहीं सासाराम बिहार से आए एक श्रद्धालु शिवानंद तिवारी ने बातचीत के दौरान बताया कि आज गंगा के अवतरण का दिन है और कहा जाता है कि आज के दिन जो भी मां गंगा का आर्शीवाद प्राप्त करता है उसकी सारी समस्याएं दूर हो जाती है इसीएलि हमलोग पूरे परिवार के साथ यहां आए है और हमने स्नान ध्यान कर दान पुण्य करते हुए मां गंगा का आर्शीवाद प्राप्त किया है।

कहा जाता है कि सृष्टि के निर्माता भगवान ब्रह्मा के कमंडल से राजा भागीरथ द्वारा मां गंगा का अवतरण धरती पर इसी दिन हुआ था और मां गंगा के धरती पर अवतार दिवस को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) कहा जाता है। पृथ्वी पर अवतरित होने से पहले देवी गंगा नदी स्वर्ग में निवास करती थीं।

गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के दिन स्नान-ध्यान और दान-पुण्य के अलावा ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन देवी गंगा की पूजा-अर्चना करने से इस सृष्टि के संचालनकर्ता भगवान विष्णु की भी असीम कृपा भक्त्तों को मिलती है।