Helicopter Crash: चारधाम यात्रा के बीच उत्तराखंड जिले में गुरुवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिससे पुरे इलाके में सनसनी फ़ैल गई। यह हादसा एक हेलिकॉप्टर क्रैश का है। इस हादसे में पायलट समेत छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक यात्री गंभीर रूप से घायल है जिसे इलाज के लिए ऋषिकेश के एक अस्पताल में रेफर किया गया है। हेलिकॉप्टर एयरोट्रांस कंपनी का था और उसने सहस्त्रधारा हेलीपैड से हर्षिल के लिए उड़ान भरी थी।
दरअसल, गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी के पास एक हेलिकॉप्टर के क्रैश (Helicopter Crash) होने की सूचना पर उत्तरकाशी पुलिस, एसडीआरएफ, फायर, मेडिकल और अन्य आपदा राहत टीमें तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हुईं और मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। हेलिकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे। मृतकों में चार महिलाएं मुंबई से, एक आंध्रप्रदेश से और पायलट गुजरात का निवासी था। वहीं घायल यात्री की पहचान आंध्रप्रदेश के मस्तू भास्कर (51 वर्ष) के रूप में हुई है।
Helicopter Crash: दुर्घटना में जान गंवाने वालों की सूची
- काला सोनी (61), मुंबई
- विजया रेड्डी (57), मुंबई
- रुचि अग्रवाल (56), मुंबई
- राधा अग्रवाल (79), उत्तर प्रदेश
- वेदवती कुमारी (48), आंध्र प्रदेश
- रॉबिन सिंह (60), गुजरात – पायलट
घायल यात्री
- मस्तू भास्कर (51), आंध्र प्रदेश
सीएम धामी ने जताया शोक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा, “यह अत्यंत दुःखद समाचार है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति और परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।” साथ ही प्रशासन को घायल को हरसंभव सहायता देने और हादसे की जांच के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लगातार संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
मौसम बना चुनौती
गौरतलब है कि उत्तराखंड में इन दिनों चारधाम यात्रा पूरे जोरों पर है। मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल और चंपावत में बारिश, गरज और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है। हेली सेवाओं पर इसका गंभीर असर पड़ रहा है।
चारधाम यात्रा में सतर्कता जरूरी
लगातार बदलते मौसम और कठिन भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए यात्रियों और हेली सेवा कंपनियों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है। यह हादसा एक बार फिर पर्वतीय क्षेत्रों में हवाई सेवाओं की सीमाओं और जोखिमों की गंभीर याद दिलाता है।