वाराणसी | कोर्ट के आदेश के अनुसार ज्ञानवापी मामले (Varanasi) से जुड़े सभी मुकदमों की सुनवाई अब एकसाथ एक ही अदालत में होगी। इसके लिए अगली सुनवाई की तिथि 7 जुलाई मुकर्रर की गयी है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण् विश्वेश की अदालत में यह सुनवाई हुई जहां उन्होंने यह आदेश दिया था।

लेकिन कोर्ट (Varanasi) के इस फैसले के बाद सिलसिला कुछ ऐसा शुरू हुआ जहां हिन्दू पक्ष ही दो भागों में बंट गया। जी हां अभी तक तो सिर्फ बात हिन्दू पक्ष और मुस्लिम पक्ष की हो रही थी लेकिन अब अदालत के इस फैसले से एक ओर जहां याचिकर्ताओं में उत्साह नजर आया वहीं दूसरी ओर वैदिक सनातन संघ (Varanasi) इस फैसले का विरोध कर रहें है। वहीं वैदिक सनातन संघ ने जिला जज के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए इसे हाईकोर्ट तक ले जाने और चुनौती देने की बात कही है।

हिन्दू पक्ष के अधिवक्त्ता सुभाष चतुर्वेदी ने इस मुद्दे पर कहा कि कोर्ट (Varanasi) का फैसला हमारे पक्ष में है। ज्ञानवापी के सारे मामले एक जैसे हैं। इसीलिए मामले की वादिनी राखी सिंह के केस नंबर 693/21 मामले को लीडिंग केस के रूप में और अन्य सभी मामलों को इसके तहत सुना जाएगा।
Varanasi : इन अधिवक्ताओं ने की सुनवाई न किए जाने की मांग
बताते चलें कि इस मामले में राखी सिंह की ओर से अधिवक्त्ता शिवम गौड़, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से अधिवक्त्ता रमेश उपाध्याय, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से रईस अहमद ने दलील देकर एक साथ सुनवाई न किए जाने की मांग करते हुए याचिका दर्ज की थी।

वहीं चार महिला वादियों के अधिवक्त्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी और सुधीर त्रिपाठी ने कहा था कि सातों मुकदमे एक जैसे हैं, इसीलिए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। सभी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जिला जज का मानना है कि ज्ञानवापी (Varanasi) से सम्बंधित सभी 7 मामलों की एक साथ सुनवाई होना न्यायसंगत है।