Varanasi: यूपी के संभल में एक मंदिर मिलने के बाद अब प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मदनपुरा स्थित मुस्लिम बाहुल्य इलाके में भी एक मंदिर मिलने की खबर सामने आई है। मदनपुरा क्षेत्र में एक गली के अंदर एक मकान में वर्षों पुराना मंदिर मिला है। जिस मकान में मंदिर मिला है उसमें भी वर्ग विशेष समुदाय के लोग ही रहते हैं. कई वर्षों से मंदिर में ताला बंद होने का दावा किया जा रहा है। इस सूचना से सनातन रक्षक दल सक्रिय हो गया है।
Varanasi पुलिस ने शुरू की जांच, स्थानीय लोगों से पूछताछ
दावा किया जा रहा है कि यह मंदिर कई दशकों से बंद पड़ा हुआ है। सोशल मीडिया पर इस खबर के वायरल होने के बाद सोमवार की देर शाम सनातन रक्षक दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और मंदिर खोलने की मांग उठाई। सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा के नेतृत्व में स्थानीय लोगों (Varanasi) ने इस बंद मंदिर के ताले को खुलवाने के लिए प्रशासन से मांग की। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस भी सक्रिय हुई और स्थानीय लोगों से पूछताछ शुरू की।

अजय शर्मा ने बताया कि यह मंदिर संभवतः भगवान शिव का है और इसके पास स्थित सिद्धतीर्थ कूप का भी धार्मिक महत्व है। उनका दावा है कि मंदिर का जिक्र काशी खंड में भी किया गया है, लेकिन यह पिछले 40 वर्षों से ताले में बंद है।

डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि मंदिर को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं है और शांतिपूर्ण समाधान की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। स्थानीय लोगों से बातचीत के बाद मंदिर खुलवाने पर निर्णय लिया जाएगा।
मंदिर के देवी-देवता को लेकर अभी स्पष्टता नहीं
मदनपुरा चौकी इंचार्ज अजितेश चौधरी के मुताबिक, शुरुआती जांच में यह जानकारी सामने आई है कि मंदिर के बगल की संपत्ति (Varanasi) लगभग 150 साल पहले खरीदी गई थी, जो वर्तमान में एक साड़ी कारोबारी समूह ताज ग्रुप के स्वामित्व में बताई जा रही है। हालांकि, मंदिर के इतिहास और इसमें स्थापित देवी-देवता की सही जानकारी अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकी है।

अजय शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही, मंदिर की जानकारी के लिए नगर निगम और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से भी संपर्क साधा जा रहा है। फिलहाल, पुलिस और प्रशासन (Varanasi) मंदिर की ऐतिहासिक जानकारी जुटाने में लगा हुआ है, ताकि इसके धार्मिक महत्व को स्पष्ट किया जा सके। वहीं मंदिर खुलवाने को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है।
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