स्पेशल रिपोर्ट – मनीष चौरसिया
Varanasi: एक ओर जहां शहर में होली और रमजान शांतिपूर्वक मनाने की तैयारी चल रही है। वहीं दूसरी ओर शहर में बड़े स्तर पर अवैध पटाखों का कारोबार चल रहा है। बड़ी बात यह है कि शहर के बीचो बीच चौक थाने से चंद दूरी पर पटाखों का कारोबार फल फूल रहा है।

इसमें बड़ा सवाल यह है कि त्योहारों के मद्देनजर पुलिस लगातार क्षेत्रों में गश्त कर रही है, बावजूद इसके पुलिस की नाक के नीचे पटाखों का कारोबार फैला हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, यहां एक दिन में 50 लाख रुपए से अधिक का पटाखों का कारोबार हो रहा है। ऐसे में इस पर कई तरह के प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं।

काशी की तंग गली दालमंडी और उससे लगायत इलाकों में तेजी से पटाखों का व्यापार चल रहा है। यहां सबसे बड़ी बात कि इसके लिए भी दुकानदारों ने एजेंट तैनात कर रखे हैं। होली के मद्देनजर अबीर गुलाल और पिचकारी खरीदने के लिए जब कोई ग्राहक दुकानों पर जाता है, तो एजेंट बकायदा उससे पटाखे के लिए पूछते हैं, इसके बाद ग्राहक की रजामंदी होने पर उसे किसी कटरे के भीतर ले जाया जाता है, जहां पटाखों का भंडार लगा हुआ है और खरीददारी होती है।

Varanasi: पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
अब सवाल यह है कि काशी विश्वनाथ धाम से महज एक किलोमीटर के दायरे में जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, ऐसे में यहां इस तरह का व्यापार पुलिस की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां दीपावली पर ही पुलिस का अभियान चलता है, जबकि पटाखों की बिक्री पूरे साल होती है। होली के अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों में होलिका दहन के समय पटाखे जलाने की परम्परा है, ऐसे में यहां होली के समय पटाखों की सेल बढ़ जाती है, लेकिन पुलिस इन पर लगाम लगाने में पूरी तरह से विफल नजर आती है।
