दिल्ली एमसीडी चुनाव में मेयर पद के लिए भाजपा और AAP (आम आदमी पार्टी) अपनी राजनीतिक घुसपैठ बनाने की तैयारी में हैं। पिछले दिनों एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी की बहुमत से जीत हुई थी। जिसके बाद भाजपा ने मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी मेम्बर के लिए उम्मीदवारों का चयन करने साबित कर दिया है कि अरविन्द केजरीवाल की पार्टी के लिए रास्ता साफ़ नहीं है। ऐसे में यहां मेयर की सीट रोमांचक हो गई है।
दिल्ली एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 134 वार्ड जीतकर बहुमत हासिल किया था। वहीँ भारतीय जनता पार्टी को 104 वार्डों में जीत मिली थी। कांग्रेस को 9 सीटें मिली और 2 वार्ड में निर्दलीय पार्षदों ने जीत हासिल की थी। लेकिन एक निर्दलीय पार्षद को अपनी पार्टी में शामिल कर लेने के बाद अब भाजपा के पास 105 सीटें हो गई हैं।
दिल्ली में 6 जनवरी का दिन बेहद अहम होने वाला है। इस दिन मेयर का चुनाव होना है। 250 पार्षद इसके लिए वोट करेंगे। इसके अलावा स्पीकर की ओर से नामित 14 विधायक (13 AAP और 1 बीजेपी से) और दिल्ली के सात बीजेपी सांसद भी वोट डालेंगे। आप और भाजपा के इस राजनीतिक लड़ाई में कांग्रेस के 9 व 1 निर्दलीय वोट भी डाले जाएंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस का मेयर पड़ के लिए झुकाव किसकी ओर होगा। राजनीति के विशेषज्ञ बताते हैं कि कांग्रेस के लिए एक ओर कुंआ और दूसरी ओर खाई जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। वैसे कांग्रेस के पार्षद वोटिंग से गैरमौजूदगी का विकल्प भी चुना सकते हैं।
बता दें कि एमसीडी में दलबदल विरोधी कानून नहीं लागू होता। किसी भी दल का पार्षद किसी भी उमीदवार के लिए वोट कर सकता है। मेयर चुनाव में यह भी साबित होगा कि कौन सी पार्टी अपने कुनबे को बचाकर रखती है या किस पार्टी में विरोधाभास ज्यादा है। आम आदमी पार्टी ने शैली ओबेरॉय को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है। तो आले इक़बाल डिप्टी मेयर का उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने मेयर पद के लिए रेखा गुप्ता और कमल बागड़ी पर दांव लगाया है। मेयर पद के लिए चुनाव 6 जनवरी को होने हैं।