Janjati Samaj: जनजाति समाज के लोगों ने अपने समाज के प्रति लगातार हो रहे दोहन के खिलाफ काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के दरबार में हाजिरी लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी।
विपरीत परिस्थितियों में भी आदिकाल से सनातन धर्म, परंपरा और और संस्कृति के अनुसार जीवन यापन करते हुए उसको बचाकर रखने वाले वनवासी, गिरि वासी और आदिवासी समाज को भारत के संविधान में उनकी संस्कृति, परंपरा एवं रीति रिवाज रूढ़ि और जीवन पद्धति पर विशेष आस्था के आधार पर भारतीय संविधान में विशिष्ट उपबंध करते हुए अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करते हुए परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन हेतु विशेष सुविधाएं प्रदान की गई हैं।
किंतु इनके अशिक्षित और अल्प शिक्षित होने के साथ ही भोलेपन तथा विकास से कोसों दूर होने का लाभ उठाकर धर्मांतरित-मतांतरित लोगों द्वारा इनकी इस संवैधानिक सुविधा को हड़प कर कूट रचित तरीके से अभिलेखों में हेरा फेरी कर इस समाज के साथ घोर अपराधिक कृत्य किया जा रहा है।
Janjati Samaj के सदस्यों ने बाबा से मांगा न्याय
इस आशय की एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) जनजाति सुरक्षा मंच उत्तर प्रदेश की ओर से राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य दीपक गोंड द्वारा हस्ताक्षरित, प्राथमिकी को बाबा काल भैरव के दरबार में उपस्थित महन्त नवीन गिरी और सुनील उपाध्याय के समक्ष जनजाति सुरक्षा मंत्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह राष्ट्रीय संगठन मंत्री सूर्य नारायण सूरी और सह क्षेत्र संगठन मंत्री आनंद द्वारा प्रस्तुत किया गया।
प्रथम सूचना रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जनजाति समाज [Janjati Samaj] को प्राप्त होने वाले 90% सुविधाओं और नौकरियों पर इन 10% धर्मांतरित और मतांतरित लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। जिसके कारण जनजाति समाज के युवा बेरोजगारी का शिकार होकर अनेकों अराष्ट्रीय गतिविधियों में लिप्त होते जा रहे हैं। इस संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक 28 जनवरी 2004 और 28 मार्च 2006 के निर्णय और आदेशों का हवाला देते हुए उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करते हुए दोषी व्यक्तियों और संस्थाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने की प्रार्थना किया गया है।
बाबा काल भैरव के दरबार में जनजाति सुरक्षा मंच [Janjati Samaj] के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, राष्ट्रीय संगठन मंत्री सूर्य नारायण सूरी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भगवान सहाय, जनजाति सुरक्षा मंच के प्रादेशिक महामंत्री देवनारायण खरवार, क्षेत्रीय संगठन मंत्री आनंद, गंगा समग्र के भाग संयोजक दिवाकर द्विवेदी सेवा समर्पण संस्थान के अमित यादव आदि लोग मौजूद रहे।