- वाराणसी नगर निगम के महापौर पद के प्रत्याशी बनाए गए अनिल श्रीवास्तव बोले
- लगाया आरोप: भाजपा ने वादा खिलाफी कर मिनी सदन को बना दिया है ‘उठल्लू का चूल्हा’
वाराणसी। कांग्रेस से वाराणसी नगर निगम में महापौर पद के प्रत्याशी (Jansandesh Exclusive) बनाए गये अनिल श्रीवास्तव कहते हैं कि वर्तमान नगरीय निकाय निर्वाचन में हम इस पचड़े में नहीं पड़ रहे हैं कि ‘मुकाबला किससे है’। निगम में वर्षों से भाजपा का दबदबा रहा है। सो, यह इलेक्शन चुनौतीपूर्ण है। हम तृणमूल कांग्रेस यानि टीएमसी और कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं।
बीते बुधवार की शाम कांग्रेस से अनिल को वाराणसी से मेयर पद का उम्मीदवार घोषित किया। गुरुवार को ‘जनसंदेश टाइम्स’ ने उनसे महापौर पद पर अपनी चुनावी तैयारियों को लेकर बातचीत की तो उन्होंने यह कहा। एक प्रश्न के उत्तर में अनिल ने दावा किया कि हमें संगठन के प्रत्येक सदस्य का सहयोग मिल रहा है। हमारी नजर चिड़िया की आंख यानि मेयर की कुर्सी पर है। दशकों से काशी की जनता हमें कांग्रेस के साथ काम करते हुए सड़कों पर देख रही है। मेरा फोकस स्थानीय मुद्दों पर रहेगा। यह सीट जीतने के बाद जो मुद्दे हमारे वश में नहीं होंगे उनके लिए संघर्ष करेंगे।
74वां संशोधन कानून लागू कराऊंगा
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि स्व. राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में अन्य तत्कालीन कांग्रेस शासित राज्यों की तरह यहां भी यदि 74वां संशोधन लागू हो गया होता तो निकाय क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए किसी पर आश्रित नहीं रहना पड़ता। महापौर की कुर्सी हासिल करने के बाद मैं यहां भी 74वां संशोधन लागू कराने का प्रयास करुंगा। अनिल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने नगर निगम के मिनी सदन को ‘उठल्लू का चूल्हा’ बना दिया है। रुद्राक्ष इंटरनेशनल कंवेशन सेंटर निर्माण से पूर्व भाजपा ने वादा किया था कि इस जमीन पर मिनी सदन समेत मेयर व पार्षदों के लिए बैठने का कक्ष भी स्थापित होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया।