Varanasi: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को नमो घाट पर आयोजित काशी-तमिल संगमम के तीसरे संस्करण में भाग लिया। 15 से 24 फरवरी तक चलने वाले इस भव्य आयोजन के दौरान उन्होंने देश की एकता और सांस्कृतिक समृद्धि पर प्रकाश डाला।
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम एकजुट करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। उन्होंने काशी-तमिल संगमम, काशी-तेलुगु संगमम और सौराष्ट्र-तमिल संगमम को इन प्रयासों का प्रतीक बताया और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करते हैं, बल्कि विभिन्न भाषाओं को भी प्रोत्साहित करते हैं।
सेंगोल की पुनः प्रतिष्ठा, दक्षिण भारत की गौरवशाली परंपरा का इतिहास: नड्डा
श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नई संसद में सेंगोल की स्थापना कर दक्षिण भारत की गौरवशाली परंपरा को मुख्यधारा में लाने का ऐतिहासिक कार्य किया है। उन्होंने काशी और तमिलनाडु के प्राचीन संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि काशी-तमिल संगमम विविधता में आत्मीयता का अनुभव कराता है।
Varanasi: महान विभूतियों का किया स्मरण
केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती, आदिवीरा पांड्यन और अगस्त्य ऋषि के योगदान को याद किया, जिन्होंने भारत की एकता को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रदर्शनी और सांस्कृतिक संध्या का किया अवलोकन
श्री जे.पी. नड्डा ने काशी-तमिल संगमम के तहत विभिन्न मंत्रालयों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन किया और केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित सांस्कृतिक संध्या में शामिल हुए।
सुब्रह्मण्यम भारती चेयर की सराहना
उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में स्थापित सुब्रह्मण्यम भारती चेयर की प्रशंसा की और विश्वविद्यालय को इस पहल के लिए बधाई दी। इस दौरान सुब्बू सुंदरम द्वारा लिखित “काशी कुंभाभिषेकम” पुस्तक का अनावरण भी किया गया।
Highlights
सांस्कृतिक एकता की दिशा में सशक्त कदम
काशी-तमिल संगमम भारत की साझी सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव है, जो भाषा, परंपरा और आध्यात्मिकता के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को मजबूत करता है। केंद्रीय मंत्री ने इस तरह के आयोजनों को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करने वाला बताया।