रवि प्रकाश सिंह
वाराणसी। महादेव की नगरी काशी में काशी-तमिल संगमम की तैयारियां जोरों पर हैं। शुक्रवार (17 नवंबर) से शुरू हो चुके इस कार्यक्रम में लगभग तीन हजार लोगों के शामिल होने की सम्भावना है। काशी के जरिए उत्तर भारत को दक्षिण भारत की संस्कृतियों से जोड़ने की पूरी तैयारी है। बीएचयू में आयोजित काशी-तमिल संगमम में पीएम नरेन्द्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। ऐसे में उनके आगमन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसी क्रम में गुरुवार की दोपहर सेना के हेलीकाप्टर ने बीएचयू हेलीपैड पर रिहर्सल लैंडिंग की। इसमें संस्कृतियों, भाषा व तमाम तरह की विधाओं की झलक दिखेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आगमन 19 नवंबर को प्रस्तावित है। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही कई मंत्री भी आएंगे। ऐसे में कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रधानमंत्री के आगमन के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। एसपीजी ने एक दिन पूर्व बुधवार को कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया था। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था देखी। साथ ही स्थानीय अधिकारियों के साथ सुरक्षा को लेकर चर्चा भी की। पीएम हेलीपैड से कार से एमफी थियेटर तक आएंगे।
काशी-अयोध्या-तमिलनाडु
एक माह तक चलने वाले इस काशी-तमिल संगमम के मद्देनजर 12 ट्रेनों से 3000 तमिल डेलीगेट्स के काशी आने की सम्भावना है। प्रत्येक डेलीगेट के दो दिन तक काशी रुकने का प्लान है। यहां पर BHU के छात्रों व रिसर्चर संग कई संगोष्ठियाँ होंगी। वहीं, यहां पर सजे 75 स्टालों पर तमिलनाडु का कल्चर, परिधान, व्यंजन, हस्तकला, हथकरघा, हेरिटेज, वास्तुकला, मंदिर, त्योहार, खानपान, खेल, मौसम, शिक्षा और राजनीतिक जानकारियां दी जाएंगी। ये लोग वाराणसी के मंदिर, घाट, सारनाथ, हेरिटेज घूमेंगे। वहीं यहां से प्रयागराज संगम और अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का दर्शन करके सभी लोग वापस काशी आएंगे। यहां से वे तमिलनाडु लौट जाएंगे।





