वाराणसी। महिला मंडल काशी का रविवार को सायंकाल कबीरचौरा स्थित नागरी नाटक मंडली प्रेक्षागृह में 90वां वार्षिकोत्सव धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। समारोह में प्रख्यात गायिका डा. सुचरिता गुप्ता मुख्य अतिथि रहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डा. सुचरिता गुप्ता, अध्यक्ष प्रेमा अग्रवाल, सचिव पारुल देव, कार्यक्रम संयोजिका रूबी शाह, मंजू अग्रवाल आदि ने दीप प्रज्जवलन करके किया।

तत्पश्चात अलका देव, सरिता लखोटिया, मंजू अग्रवाल आदि सदस्याओं ने श्रीरामचन्द्र कृपालु भजनम्.. ईश वंदना की प्रस्तुति की। इस मौके पर महिला मंडल काशी की अध्यक्ष श्रीमती प्रेमा अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में सभी सदस्याओं को बधाई दी। कहा कि 50वर्ष पूर्व संस्था ने एक अनोखी पहल तीज महोत्सव को भी मंच दिया। इसमें समाज की महिलाओं ने आगे आकर तीज महोत्सव में हिस्सा लिया।
मुख्य अतिथि प्रख्यात गायिका डॉ. सुचरिता गुप्ता ने कहा कि काशी महिला मंडल आज की नहीं बरसों पुरानी संस्था है। इस संस्था से मैं काफी दिनों से जुड़ी हुई हूं। उन्होंने वहां मौजूद सभी सदस्याओं को बधाई दी। मुख्य अतिथि का स्वागत वीना अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम का संचालन मालिनी चौधरी ने बखूबी किया।

दर्शक हंसते रहे और तालियां बजती रही
इस अवसर पर दिनेश भारती लिखित हास्य नाटक (नाटक का चक्कर) का मंचन किया गया। इस नाटक का निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी सुमन पाठक ने किया था। इस नाटक में महिला सदस्याओं ने अभिनय किया। इनमें प्रमुख रूप से शोभना अग्रवाल, पारुल देव, कविता शाह, श्वेता शाह, रोली अग्रवाल, मधुलिका अग्रवाल, रागिनी शाह, विजया शाह रहीं। खास बात यह कि नाटक में पुरुष पात्रों की भूमिका भी महिलाओं ने ही बहुत ही बखूबी निभायी। महिला सदस्याओं के अभिनय को देख कर हर कोई आश्चर्यचकित था। हर महिला सदस्याओं ने अपनी एक्टिंग से सभी दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी।

दिनेश भारती ने वैसे तो कई नाटक लिखे। उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं। नाटक का चक्कर में अनारकली और सलीम के नाटक का रिहर्सल काफी रोचक रहा। इसको देख कर सभागार में मौजूद सभी दर्शक हंसते-हंसते लोटपोट रहे। नाटक में मुख्य पात्र के अलावा अन्य सभी सदस्याओं की जितनी भी तारीफ की जाय कम ही होगी। सभागार में दर्शक हंसते रहे और तालियां बजती रही। नाटक में मंच की साज सज्जा व पार्श्व संगीत काफी अच्छा रहा। इस अवसर पर नागरी नाटक मंडली न्यास ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ. संजय मेहता, डॉ. अजीत सैगल, डॉ. रतिशंकर त्रिपाठी समेत काफी लोग मौजूद थे।

