- किसान मेले में कृषि वैज्ञानिकों ने दिये जैविक खेती के टिप्स
- किसानों ने लगाए जैविक उत्पादों के स्टाल
राहुल सोनी
वाराणसी। प्रदेश की मौजूदा सरकार किसानों के उत्थान के लिए सदैव समर्पित रही है। उच्च गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न का उत्पादन कराकर किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से नमामि गंगे योजनान्तर्गत जैविक खेती कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ऐसे में किसान जैविक खेती को अपनाकर प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। उक्त बातें चंदौली सांसद डॉ० महेंद्रनाथ पाण्डेय के जिला पंचायत प्रतिनिधि पंकज त्रिपाठी ने शुक्रवार को ढाका स्थित गौरी शंकर महादेव मंदिर परिसर में आयोजित जैविक किसान मेला में किसानों के बीच कहीं। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे गांवों में जैविक खेती की असीम सम्भावनाएं हैं। आवश्यकता है तो सिर्फ जागरूकता के साथ इसे अपनाने की।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चोलापुर के पूर्व ब्लाक प्रमुख त्रिभुवन नारायण सिंह ने किसानों से जैविक खेती को अपनाकर बिषमुक्त खाद्यान्न उत्पादन की अपील की। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ० नरेंद्र रघुवंशी ने जैविक खेती पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए जैविक उत्पादों की पैकेजिंग, मार्केटिंग व ब्रांडिंग पर तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई।

उप कृषि निदेशक अखिलेश कुमार सिंह के आदेशानुसार जैविक किसान मेले का आयोजन कृषि विभाग व इश एग्रीटेक के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रगतिशील कृषक ढाका गांव के ग्राम प्रधान ने की। जैविक किसान मेले में जैविक कृषक समितियों की ओर से लगाये गये जैविक उत्पादों के स्टाल आकर्षण का केन्द्र रहे।
इस दौरान नमामि गंगे के प्रोजेक्ट हेड स्वामी शरण कुशवाहा, एडीओ कृषि कैलाश मौर्या, डॉ० उमाशंकर, बीटीएम देवमणि त्रिपाठी, सौरभ रघुवंशी, हरिशंकर सिंह, कृषि विशेषज्ञ रामलाल, शिवदास, विनोद निषाद, जगदीश, मनोज, विजेंद्र जंगा, पंकज भास्कर, ओम प्रकाश गुप्ता आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन देवमणि त्रिपाठी व धन्यवाद ज्ञापन स्वामी शरण कुशवाहा ने किया।