स्मार्ट सिटी वाराणसी [Varanasi] दिन प्रतिदिन अपने विकास की एक-एक परिकाष्ठा को पार करते जा रहा है। इसी कड़ी में वाराणसी में बनाए जाने जा रहे रोपवे का कार्य भी तेजी से चल रहा है। दुनिया का तीसरा और देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रुपए का निर्माण काशी में किया जा रहा है। इससे जुड़ी एक खबर सामने आई है कि रोपवे [Varanasi] में यात्रा करने के लिए यात्रियों को केवल हैंडबैग और छोटे बैग ही ले जाने की इजाजत होगी। अन्य किसी भी प्रकार के बड़े सामानों को ले जाने के लिए दूसरी व्यवस्था की जाएगी।
807 करोड रुपए की लागत से बनाए जा रहे इस रोपवे की एक क्षमता निर्धारित की गई है। इसके बारे में जानकारी देते हुए नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि कैंट स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों के लिए लॉकर की व्यवस्था की जाएगी। जिसमें वह अपना सामान रखकर सकेंगे। यात्रियों को रोपवे [Varanasi] में सिर्फ छोटे हैंडबैग, लैपटॉप और महिलाओं के पर्स जैसे सामानों को ही ले जाने की परमिशन होगी। दरअसल रोपवे के गोंडोला की एक निर्धारित क्षमता होती है। इससे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
Varanasi: जानिए कितनी है रोपवे की क्षमता
बात अगर रोपवे की क्षमता की करें तो एक व्यक्ति का सामान्य वजन 60 से 80 किलो के बीच होता है। इसके अनुसार 10 सीटर गंडोला की क्षमता 600 से 800 किलो वजन उठाने की है। इससे अधिक वजन होने पर रोपवे के टूटने का खतरा होता है। इसी हिसाब से वजन तय होगा।
बताते चलें कि वाराणसी [Varanasi] में बनाए जा रहे इस रोपवे के लिए स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रिया से उपकरण आ रहे हैं। जो सोलर पैनल से चलेंगे। गंडोला सीट फोल्ड हो सकेगी। जिससे दिव्यांगजनों की व्हीलचेयर ले जाने में आसानी होगी। रोपवे काशी की यातायात की समस्या को सुगम बनाने के साथ ही कम समय में प्रदूषण रहित यात्रा कराएगा।