पीयूष अवस्थी
वाराणसी। भारतीय संस्कृति को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा दे रही जापान की फिल्म महाभारत के निर्देशक हिरोशी कोईके ने कहा कि जापान को विपदा से मिली निराशा से निकलने की सीख यह फ़िल्म दे रही है। सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में शनिवार को जापानी भाषा में बनी फिल्म महाभारत का प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर निर्देशक कोइके ने कहा की बुरे हालातों से सामना करने की सीख फिल्म महाभारत दे रहा है।
एशिया के 9 देशों के 300 से ज्यादा कलाकारों ने किया अभिनय
यह फिल्म नृत्य,संगीत व कला का अद्भुत मिश्रण संजोए हुए है। इस फिल्म एशिया के 9 देशों के 300 से ज्यादा कलाकारों ने अभिनय पेश किया है। फिल्म निर्माण में केरल के प्रोडक्शन हाउस को भी शामिल किया गया है। भारतीय संस्कृति पर आधारित फिल्म महाभारत वर्तमान परिदृश्य में जीवन जीने की कला की सीख दे रही है एवं अपने भीतर विभिन्न विविधताओं को संजोए हुए है। फिल्म जापान, इंडोनेशिया, थाइलैंड और मलेशिया की बारीकियाँ लिए हुए है। फिल्म में जापानी शैलियों को बेहतर तरीके से प्रस्तुति किया गया है। फिल्म प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर व राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल शामिल हुए।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि हमें भारतीय संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने कहा लोगों को सीख देने के लिए महाभारत एक अच्छा विषय है। साथ ही उन्होंने जापान के कलाकारों को जीवंतता प्रदान करने के लिए धन्यवाद भी कहा। वहीं मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने फिल्म पर अपना विचार रखते हुए कहा कि जीवन के चुनौतियों से मुकाबला करने की प्रेरणा फिल्म के माध्यम से दी गई है। इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी एस. राजलिंगम भी मौजूद रहे।
और अच्छी बनाई जा सकती थी फिल्म: दर्शक
जापान की फिल्म महाभारत देखने गए एक दर्शक ने फिल्म के प्रति थोड़ी नाराजगी व्यक्त किया। दर्शकों का कहना था कि फिल्म के पहले भाग में दिखाए गए कुछ सीन उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं। फिल्म देखने आई एक छात्रा प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि फिल्म भारतीय एवं जापान की संस्कृतियों को संजोए हुए है। परन्तु इसे और अच्छा बनाया जा सकता था। वहीं कुछ दर्शकों का कहना था कि फिल्म को और भाषाओं में भी जारी करना चाहिए।