- वरिष्ठ रंगकर्मी विपुल कृष्ण नागर व अष्टभुजा मिश्र भी किये गये अलंकृत
- राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सम्मान से किया अलंकृत
- पुरस्कार मेरा नहीं बनारस का है: प्रो. मिश्र
राधेश्याम कमल
वाराणसी। संकट मोचन मंदिर के महंत व आईआईटी बीएचयू के प्रो विश्वम्भरनाथ मिश्र को संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित किया गया है। इनके साथ काशी नरेश कुंवर अनंत नारायण सिंह, बनारस के वरिष्ठ रंगकर्मी विपुल कृष्ण नागर (सफदर हाशमी पुरस्कार) व अष्टभुजा मिश्र भी इस सम्मान से अलंकृत किये गये हैं। मंगलवार को लखनऊ राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सभी को इस सम्मान से अलंकृत किया। संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में प्रदेश सरकार की ओर से दिए जाने वाला सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार है। ये समस्त पुरस्कार पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य की अध्यक्षता काल में घोषित किये गये थे। इस सम्मान से काशी के कलाजगत में हर्ष का माहौल व्याप्त है।

राजभवन में सम्मानित होने के बाद प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र ने ट्वीट कर कहा कि आज राज्यपाल से संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्त किया। ये आप सभी की शुभकामना से ही संभव हुआ। यह गंगाजी के कार्य और संगीत की सेवा का यह सम्मान है। कहा कि पुरस्कार मेरा नहीं बनारस का है। काशी के हर एक व्यक्ति का है। पुरस्कार मिलने से बनारस को पहचान मिली है यह मेरे लिए बड़ी बात है। हमारा प्रयास होगा कि हम कला के क्षेत्र में अपने शहर, प्रदेश और देश का नाम रोशन करें।
वर्तमान में प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र आईआईटी बीएचयू में इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष और संकटमोचन मंदिर के महंत हैं। वरिष्ठ रंगकर्मी विपुल कृष्ण नागर का जन्म बनारस में एक गुजराती परिवार में हुआ। उनके पिता रमेश कृष्ण नागर बनारस रंगमंच के कद्दावर अभिनेता थे। पिता की प्रेरणा से विपुल तीन वर्ष की उम्र से ही रंगमंच से जुड़ गये थे। हिंदी के अलावा मराठी, गुजराती, संस्कृत व अंग्रेजी भाषाओं के 90 से अधिक नाटकों की 300 से भी अधिक प्रस्तुतियों में अभिनेता, निर्देशक व लेखक के रूप में कार्य किया। विपुल फिलहाल अहमदाबाद में रहते हैं लेकिन बनारस उनके दिल में बसता है।