Varanasi: महिला मंडल काशी बीते 90 वर्षों से नारी उत्थान के लिए कार्यरत है और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पर्दा प्रथा के खिलाफ चला उनका अभियान आज भी जीवित है। वाराणसी के महमूरगंज स्थित शुभम बैंक्वेट हॉल में महिला मंडल काशी द्वारा वार्षिक श्रावणी तीज मेला का आयोजन किया गया, जो इस बार भी महिलाओं के उत्साह से सराबोर नजर आया।

मेले का शुभारंभ महिला मंडल की सदस्यों के द्वारा गणेश जी के प्रतिमा पर माल्यापर्ण और दिप्प्रज्वालित करके किया गया। इस खास मेले में वाराणसी ही नहीं, बल्कि कोलकाता, कानपुर, दिल्ली, इलाहाबाद, अहमदाबाद और जयपुर से आईं महिला उद्यमियों ने अपने हुनर का शानदार प्रदर्शन किया।
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वहीं यह मेला (Varanasi) केवल खरीदारी का केंद्र नहीं, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह दिखाने वाला प्रेरणा स्थल भी है। संस्था का मूल उद्देश्य महिलाओं को सामाजिक बंदिशों से बाहर निकालकर उनके भीतर के हुनर को मंच देना है।

मेले में लगे 70 से अधिक स्टॉल्स
मेले (varanasi) में लगे कुल 70 स्टॉल्स पर ज्वेलरी, हैंडमेड क्राफ्ट, विशेष टीम पर आधारित प्लांट्स, डिजाइनर कपड़े, राखियाँ, फुटवियर, हैंडबैग और डेकोरेटिव आइटम्स ने हर वर्ग के लोगों को आकर्षित किया। बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई हैंडमेड फ्रॉक्स, पार्टी वियर ड्रेसेज और कलात्मक पेंटिंग्स की रेंज भी दर्शकों की पसंद बनी रही। वहीं चॉकलेट्स, केक, कुकीस, प्रेस्ट्री जैसे उत्पादों ने भी खरीदारों का ध्यान खींचा।

बता दें कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इस मेले में प्लास्टिक बैन किया गया है। मेले (Varanasi) की संयोजक प्रेमा अग्रवाल, मालिनी चौधरी, श्वेता शाह और पल्लवी अग्रवाल रहीं। वहीं अध्यक्ष मंजू अग्रवाल, सेकेट्ररी पूनम अग्रवाल और उनकी टीम के संयुक्त प्रयास से यह मेला सफल रहा।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना ही है उद्देश्य
महिला मंडल काशी की सेकेट्ररी पूनम अग्रवाल (varanasi) ने बताया कि लगभग 50 सालों ये मेला लगता आ रहा है और इसका उद्देश्य महिलाओं को आगे बढ़ाना और आत्मनिर्भर बनाना है। महिलाओं की कला को एक मंच प्रदान करते हुए उन्हें एक पहचान दिलाना भी इसका उद्देश्य है।
महिला मंडल की अध्यक्ष मंजू अग्रवाल ने कहा कि इस मेले में बनारस के साथ दिल्ली, लखनऊ, इलाहाबाद, कोलकाता और जयपुर से आए लोगों ने स्टॉल लगाए है। इसमें कुल 70 स्टॉल अलग-अलग आकर्षित चीजों के और 6 अन्य स्टॉल है जो खाने-पीने से संबंधित है।

विशेष थीम पर आधारित प्लांट्स ने खींचा सभी का ध्यान
मेले (Varanasi) में विशेष थीम पर आधारित और अपने प्लांट्स से सभी का ध्यान अपने स्टॉल पर खींचने वाली शशि बाला शाह ने बताया कि मुझे इस मेले में अपना स्टॉल लगाकर बेहद ख़ुशी मिल रही है। मेरे स्टॉल की ख़ास बात यह है कि यहाँ एक विशेष थीम जैसे बर्थडे और लाइफ से जुड़े कोई भी इवेंट व मोमेंट को मैं अपने प्लांट में क्रिएट करती हूं। ये सभी प्लांट रियल है और काफी लंबे टाइम तक चलते हैं।


गुडगाँव के रंगोली क्रिएशन बुटिक की विभा भूषण जिन्होंने मेले में विभिन्न प्रकार के बेडकवर, बेडशीट और भी बहुत कुछ अपने स्टॉल में लगाया था उन्होंने बताया कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है यहाँ स्टॉल लगाकर और मेरे स्टॉल में हैण्ड वर्क के साथ-साथ मशीनरी कढाई के कारक वाले बहुत ही आकर्षित आइटम्स है।

श्रावणी तीज मेले (Varanasi) में बेक्ररी के आइटम्स के स्टॉल लगाने वाली किरण लालवानी ने कहा कि मेरे यहाँ जो भी बेक्ररी के आइटम्स है वो सब एगलेस है, होममेड है और जो भी केक है, सब कुछ ओलिव ऑइल और बीन किसी प्रीजरवेटिव चीजों के इस्तमाल के बनाया जाता है।

लोगों को लुभाए हैण्डमेड और आर्गेनिक शोप
इलाहाबाद से वाराणसी पहुंची मेले में चोखो ब्राण्ड और कॉस्मि क्रिएशन को प्रेजेंट करने वाली शिखा पोद्दार ने कहा कि हम यहाँ पहली बार महिला मंडल में स्टॉल लगा रहे हैं। हमारे स्टॉल में हैण्डमेड शोप, आर्गेनिक शोप, आर्गेनिक ऑइल और हनी खास है। मेरे प्रोडक्ट में सारी आर्गेनिक चीजों का इस्तमाल किया जाता है।

मेले के स्टॉल में शामिल नक्सा की फाउंडर नंदिनी ने बताया कि हमारे पास सिल्वर ज्वेलरी की ख़ास कलेक्शन है, जो लोगों को बहुत पसंद आती है और ये ऐसी ज्वेलरी है जो किसी भी ड्रेस पर बहुत आसानी से जाती है और बहुत रॉयल लुक देती है।


वहीं सीमा अरोड़ा ने कहा कि अलग-अलग शहरो से लाए गए फ्रेब्रिक हमारे स्टॉल को बहुत खास बनती है। सारे कलेक्शन बहुत ही ख़ास है। हम बनारस के ही है और हमें यहाँ स्टॉल लगाते हुए 6 से 7 साल हो गए है।

स्पेशल चॉकलेट्स सभी को आए पसंद
मेले में सुरभि एस. खन्ना ने बताया कि हमारी चॉकलेट्स सभी पामऑइल फ्री है और ये बनारस की पहली कोवर्जियल चॉकलेट ब्राण्ड है। बनारस (Varanasi) में कोई भी ऐसा नहीं है जो प्योर चॉकलेट बनता है। हमारे पास कई तरह के फ्लेवर वाले बहुत सारे चॉकलेट्स है।


मेले में नॉएडा से स्टॉल लगाने के लिए वाराणसी आए सार्थक गुप्ता ने बताया कि हमारे पास किड्स और टीन सभी के लिए आर्गेनिक प्रोडक्ट्स है। इसमें कोई केमिकल नहीं है। शैम्पू से लेकर शोप सब कुछ बहुत ध्यान से बनाया गया है तो इससे किसी भी मां को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि पडल्स सबका ख्याल रखता है।

राखियों की वैरायटी के लिए लोगों की नजर आई भीड़
फ्लावर्स के यूनिक आइटम्स और बहुत सारे क्रिएटिव और हैण्डमेड आइटम्स के स्टॉल मेले में लगाने वाली यूथिका फ्लावर्स की ओनर जयंती माथुर का कहना रहा कि हम लोग फ्रेश फ्लावर के साथ-साथ आर्टिफिशियल फ्लावर्स में भी डील करते हैं। हमारे स्टॉल (Varanasi) पर डेकोर आइटम से लेकर पैकेजिंग, क्रुशिया वर्क, राखियाँ और ज्वेलरी आदि बहुत कुछ खास है, जो लोगों को बहुत आकर्षित करती है।

यंग टैलेंट भी मेले में आया नजर
वहीं एक बहुत यंग और टैलेंटेड युवक कौस्तुब, जिन्होंने महिला मंडल काशी की ओर से आयोजित किए गए इस मेले में शाफायर और IRIS ब्राण्ड को प्रेजेंट करते हुए स्टॉल लगाया। कौस्तुब ने बताया कि IRIS के फ्रेग्नेंस आइटम्स और शाफायर के चॉकलेट्स आइटम लोगों को बहुत पसंद आ रहे है और हमे ख़ुशी है कि हमें यहाँ एक स्टॉल लगाने का मौका मिला।

Varanasi में दिखा फ्रेंच डिश का जलवा
मेले में फ्रेंच डेजर्ट को प्रेजेंट करते हुए अपना स्टॉल लगाने वाली ऐशन्या देवा ने बताया कि मैं मुंबई से केक और पेस्ट्रीज का कोर्स करके यहाँ आई हूं। हमारे स्टॉल में फ्रेंच से इंस्पायर्ड बहुत सारी दिशेष है। हमारी कुकिक, पेस्ट्रीज और भी बहुत से ऐसे आइटम है जो लोगों को बहुत पसंद आ रहे है।

हेंडक्राफ्ट आइटम्स बनाने वाली शुरती ने कहा कि हमारे स्टॉल में हेंडक्राफ्ट आइटम्स है, जो कि इंडियन कल्चर और क्राफ्ट को रिप्रेजेंट करती है। हमारे स्टॉल में साड़ी से लेकर सूट और कुछ होम फर्निशिंग आइटम है।

सावन के महीने में पिछले 50 वर्षों से लगाये जा रहे इस मेले(Varanasi) में पहले सिर्फ साड़ियों के स्टाल्स लगाये जाते थे, लेकिन धीरे धीरे लोगों की डिमांड्स और पसंद को देखते हुए यहाँ अब डेकोरेशन के आइटम्स, अन्य वस्त्र और आभूषण आदि विभिन्न स्टाल्स लगाये जाने लगे।


वाकई में हर साल आयोजित होने वाला यह मेला (Varanasi) महिलाओं को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता के लिए एक बड़ा मंच उपलब्ध कराता है। खास बात यह रही कि इस बार मेले में आधुनिकता और पारंपरिकता का बेहतरीन संतुलन देखने को मिला — जहां एक ओर जयपुरी और बनारसी कला की झलक दिखाई दी, वहीं दूसरी ओर नई पीढ़ी की पसंद को ध्यान में रखते हुए ट्रेंडी डिजाइनों की भी भरमार रही।