आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने ब्राहमणों पर दिए अपने बयान पर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने भागलपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि मैंने कभी ब्राहमण शब्द नहीं कहा। मैंने पंडित कहा था, जो किसी भी जाति का हो सकता है। पंडित उसे कहते हैं, जो बुद्धिमान है।
आरएसएस प्रमुख ने यह बातें भागलपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वयंसेवकों से बातचीत में कही। इस दौरान उन्होंने स्वयंसेवकों को नसीहत दिया कि विवाद से जुड़े अन्य मसलों पर चर्चा करने के बजाय राष्ट्र निर्माण को लेकर बातें करें। यह ज्यादा बेहतर होगा।
मोहन भागवत ने कहा कि केवल काम नहीं, बल्कि अपने कामों का उदाहरण पेश करते रहिए। हिंदू समाज इकठ्ठा होकर रहे। साथ हर मंडल में हमेशा आना जाना करते रहें। स्वयंसेवक शाखाओं के विस्तार पर भी ध्यान दें।