- रात भर लोगों ने ताजिये पर चढ़ाये फूल और किया मातम
Muharram 2023: शहीदाने कर्बला की याद में नगर भर के लगभग सभी इमाम चौकों पर शुक्रवार को ताजिये बैठाए गए। रात 12.20 बजे शिवाला इमाम बाड़ा से दूल्हे का जुलूस निकला। इसमें 72 अलाव के अंगारों को राख में तब्दील करते हुए इमाम हुसैन के चाहने वालों ने या हुसैन, या हुसैन… की सदा बुलंद करते हुए नंगे पांव अंगारों को राख में तब्दील कर दिया।
दूल्हा के जुलूस में एक व्यक्ति रिक्शे से ध्वनि विस्तारक यंत्र से पारंपरिक रास्ते की याद दिलाते चल रहा था। दूल्हे को रास्ते की याद दिलाते चल रहा था। जुलूस (Muharram) दरगाह फातमान पहुंचा। वापसी पर शनिवार की सुबह शिवाला इमामबाड़ा में ठंडा होगा। जुलूस में सुरक्षा का विशेष इंतजाम रहा। इमामचौकों पर ताजिये को बोसा देने वालों की काफी भीड़ थी। इनमें बड़ी संख्या में बुर्कानशीं महिलाएं भी थीं।
कुछ ताजिये (Muharram) तो इतने कलात्मक थे कि देखने वाले देखते ही रह गए। इनमें पठानीटोला का नगीने वाला ताजिया, बजरडीहा व बाकराबाद का बुर्राक वाला ताजिया, माताकुंड का रांगे वाला ताजिया, दालमंडी का पीतल वाला ताजिया, नई सड़क का चपरखट का ताजिया आदि आकर्षण का केंद्र रहे। रात को ही अधिकांश शिया बाहुल्य क्षेत्रों से गश्ती अलम निकाला गया। इसमें नौहाख्वानी व मातम किया गया।

इससे पहले दिन में सराय हड़हा से शहीद मासूम हजरत अली असगर के झूले का जुलूस (Muharram) निकला। झूले को देख कर लोगों की आंखें नम हो गईं। शनिवार को यौमे आशूरा (10 मुहर्रम) पर मातमी जुलूसों व ताजियों को दफ्न करने का सिलसिला देर शाम तक चलता रहेगा।
Muharram: कर्बला में दफनाए जायेंगे ताजिये
हजरत मोहम्मद साहब के छोटे नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की अजीम शहादत की याद में योमे आसुरा शनिवार को यहां अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जायेगा। भारी भीड़ की मौजूदगी में अकीदतमंद जंजीरों से मातम कर खुद को लहूलुहान भी करेंगे। धीरे-धीरे जुलूस कर्बला के मैदान तक पहुंचेगा, जहां ताजिये (Muharram) दफनाए जायेंगे।
रामनगर में उठा अलम, दुल्दुल व ताबूत का जुलूस
- जुलूस उठने पर सय्यद दानिश हुसैन व साथियों ने पढ़ी सवारी
मोहर्रम (Muharram) की नौवीं तारीख का जुलूस पुरानी रवायात के अनुरूप सय्यद आफताब हुसैन की देखरेख में जुलूस उठाया गया। जुलूस उठने से पूर्व मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना परवेज कर्बलाई ने कर्बला की जंग के बारे में बताया। कर्बला में शहीद इमाम हुसैन और उनके साथियों को याद कर मजलिस में बैठे लोग रोने लगे।

मोहर्रम (Muharram) की नौवीं तारीख का कदीमी अलम, दुल्दुल व ताबूत का जुलूस सोमवार की रात गोलाघाट स्थित मस्जिद समसुन बीबी से सैयद आफताब हुसैन की निगरानी में निकला। इस दौरान सय्यद दानिश हुसैन व उनके साथियों ने सवारी पढ़ी। जुलूस (Muharram) अपने कदीमी रास्तों गोलाघाट, किला रोड, सब्जी मंडी, चौक, नमक बाजार, साहित्यानाका होते हुए जुलूस देर रात हसन बाग इमामबाड़े पहुंचा। रास्ते भर अंजुमन अब्बासिया के सदस्य नौहा मातम व जंजीरजनी व कमाजनी करते हुए चल रहे थे। इसके बाद अलम, दुल्दुल व ताबूत का कदीमी जुलूस हसन बाग इमामबाड़े पहुंचकर समाप्त हुआ।
जुलूस (Muharram) में मुख्य रूप से आफताब हुसैन, वेरासत हुसैन, बालिस्टर हुसैन, डेविस, जीशान, सिकंदर हुसैन, दानिश हुसैन, बब्बू हुसैन, परवेज हुसैन, कमाल हुसैन, जव्वार हुसैन, राकेश, मोहसिन मिर्जा, इमरान, तालिब, कुमैल रजा, एबाद रजा, बाकर रजा सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।

वहीं नौवीं मुहर्रम (Muharram) के अवसर पर महिलाओं व पुरुषों की मजलिसों का दौर भी नगर सहित आस पास के क्षेत्रों में जारी रहा। वहीं दूसरी तरफ मरहूम अली अनवर के आवास से अलम, दुल्दुल व ताबूत का जुलुस (Muharram) उठाया गया जो अपने अपने परम्परागत रास्तों से होता हुआ हसन बाग इमामबाड़े जाकर समाप्त हुआ जिसमें नौहाखानी, सीनाजनी, जंजीरजनी अंजुमन मुहाफिजे अजा के तत्वाधान में हुआ।
जुलूस (Muharram) में मुख्यरूप से फरमान रजा, इनाम रजा, सय्यद अख्तर रजा, नदीम आब्दी, जाफर आब्दी, बाकर आब्दी, इजलाल हैदर आब्दी, शबीब हैदर, समर अब्बास, मोहम्मद मेहंदी, सय्यद मुश्ताक, आसिम, सय्यद तस्नीम आब्दी, फिरोज आब्दी, सय्यद रजी जैदी, शबिहुल हसन फातमी, आजम रिजवी, जहीर हसन जैदी, शमीम अख्तर, मिर्जा मुशीर हसन, बब्लू मिर्जा, मो० आसिफ, महताब हुसैन, कासिम रजा, जमीर मिर्जा,नकी हसन विक्की, युसूफ रिजवी रईस, मुजतबा हुसैनी, कुमैल, जेनीश, बशर, अरमान, सरफराज, जिम्मी सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।