वाराणसी के नमो घाट (Namo Ghat) पर बुधवार शाम अचानक जमीन धंसने से हड़कंप मच गया। घाट के फेज-2 में फ्लोर की मिट्टी धंसने के कारण पत्थरों में दरारें आ गईं, जिससे कुछ दुकानें नीचे गिर गईं। इस हादसे से इलाके में अफरा-तफरी मच गई और वहां मौजूद लोग घबरा गए।
दुकानों के गिरने से घायल हुए लोग
घटना के समय एक मोमोज दुकान पर दो युवक खाना खा रहे थे, जो जमीन धंसने के साथ नीचे गिर पड़े और घायल हो गए। मौके पर मौजूद अन्य लोग भी दहशत में आ गए। सूचना मिलते ही कार्यदायी संस्था और नगर निगम के कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों को घटना की जानकारी दी गई और सुरक्षा के मद्देनजर धंसे हुए क्षेत्र को सील कर दिया गया।

Namo Ghat: प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई आपबीती
स्वाद आनंद नामक दुकान के मालिक विशाल कुमार ने बताया कि हादसा शाम 5:58 बजे हुआ। उनकी मोमोज और नूडल्स की दुकान पर ग्राहक बैठे थे, जब अचानक पत्थर दरकने लगे और जमीन धंस गई। इस दुर्घटना में उनका करीब 20 हजार रुपये का नुकसान हुआ। विशाल का आरोप है कि यह पूरी तरह से प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है।
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निर्माण कार्य में घोटाले का आरोप
नमो घाट के मैनेजर मनीष कुमार ने निर्माण कार्य में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि फेज-2 में पहले भी पत्थर धंसने की घटना हो चुकी है। उन्होंने दावा किया कि निर्माण कार्य में धांधली की गई है और ठेकेदारों ने लापरवाही बरती है। उनका कहना है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में लापरवाही?
बता दें कि नमो घाट फेज-2 का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देव दीपावली 2024 के अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में किया था। इस प्रोजेक्ट पर 50 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई थी, जिसमें 75 फीट ऊंचा नमस्ते स्कल्पचर और एक विसर्जन कुंड भी शामिल हैं। अब इस घटना के बाद निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं, और स्थानीय लोग मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।