हिंदू धर्म में बच्चों के कान छिदवाने की परंपरा सदियों से चलती आ रही है। यह सोलह संस्कारों में से नौवां संस्कार माना जाता है। आजकल केवल लड़कियों के कान छिदवाने को ही महत्ता दी जाती है लेकिन प्राचीन समय में लड़का व लड़की दोनों के कान छिदवाए जाते थे।
इसे उनकी शिक्षा शुरू करवाने से पहले किया जाता था ताकि उनके मस्तिष्क का विकास हो सके तथा वे शिक्षा ग्रहण करने के लिए तैयार हो सके। इसलिये आज हम आपको कान छिदवाने से मिलने वाले विभिन्न लाभों से अवगत करवाएंगे। आइये जानते हैं।
बच्चों के कान छिदवाने के फायदे
दिमागी शक्ति का विकास
यह एक तरह से एक्यूपंचर थेरेपी का हिस्सा होता हैं जिसमे कान के विशिष्ट जगह पर सुराख किया जाता है। इससे मस्तिष्क की ओर जाने वाली नसों पर दबाव पड़ता है जिससे शरीर में रक्त का प्रवाह संतुलन में रहता है। रक्त प्रवाह के संतुलित रहने से बच्चे के मस्तिष्क का विकास तेजी से होता है तथा दिमागी शक्ति में वृद्धि होती है। इसलिये इसे उनकी शिक्षा शुरू करने से पहले एक महत्वपुर्ण संस्कार माना जाता था जिसे लड़का व लड़की दोनों का करवाना अनिवार्य होता था।
आँखों की रोशनी का बढ़ना
यह बच्चों की दृश्य शक्ति में भी लाभदायक है। इससे उनकी आँखों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। आजकल हम देखते हैं कि बच्चों की छोटी उम्र में ही चश्मे लग जाते है जो कि सही नही है। हालाँकि इसका एक मुख्य कारण टीवी, मोबाइल इत्यादि से चिपके रहना व गलत खानपान भी होता है। चूँकि कान में कुछ नसे ऐसी होती है जिनका सीधा जुड़ाव आँखों से होता है। इसलिये कान छिदवाने से आँखों की रोशनी में वृद्धि होती है।
दीर्घायु बनना
प्राचीन समय में हम देखते थे कि मनुष्य सौ वर्ष से भी अधिक उम्र तक जीवित रहता था। इसमें विभिन्न कारकों का प्रभाव पड़ता है जिसमे से कान छिदवाना भी एक है। इसका प्रभाव लंबे समय तक रहता है जो मनुष्य की आयु को बढ़ाने में अपना योगदान देता है। इससे बुरी शक्तियों का प्रभाव कम करने में भी सहायता मिलती है।
पाचन तंत्र का सुचारू रहना
छोटे बच्चो को पेट से संबंधित कई बिमारियों होती ही रहती है जैसे कि दस्त, कब्ज, गैस बनना इत्यादि। इससे माता-पिता भी परेशान रहते है लेकिन कान छिदवाने के पश्चात उनकी पाचन क्रिया को सही करने में सहायता मिलती है। इससे उन्हें भूख भी सही लगती है तथा मोटापे जैसे समस्या भी नही होती।
गंभीर बिमारियों से छुटकारा
इससे बच्चों को भविष्य में लकवा, दिमाग सुन्न होना इत्यादि जैसी समस्याएं नही होती है। इसके साथ ही मानसिक तनाव भी नही होता है तथा याददाश्त को बढ़ाने में सहायता मिलती है।
लड़को के लिए कान छिदवाने के फायदे
आजकल हम देखते हैं कि ज्यादातर घरो में केवल लड़कियों के ही कान छिदवाने की परंपरा हैं जबकि लड़को के कान का छेदन नही करवाया जाता। यदि आप हमारे ईश्वर की कोई भी मूर्ति या उनका वर्णन पढ़ेंगे तो पाएंगे कि चाहे पुरुष हो या स्त्री सभी ने अपने कान में छेदन करवाया होता हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि जो लाभ स्त्री को मिलता हैं वही लाभ पुरुष को भी मिलता हैं। इसलिये अपने कानो में छेदन हमे लिंग के आधार पर भेदभाव करने नही अपितु सभी का करवाना चाहिए।
Anupama Dubey