- ई डिस्ट्रिक्ट मैनेजर प्रसून अग्रवाल ने कहा : समाधान में लापरवाही पर तय होती है जिम्मेदारी
- शासन की ऑनलाइन व्यवस्था ‘जनसुनवाई.यूपी.एनआईसी.इन’ पर किसी भी वक्त लगा सकते हैं गुहार
- शिकायतें-समस्याएं लेकर विभिन्न कार्यालयों का चक्कर लगाने के संकट के नागरिकों को मिला छुटकारा
- प्रकरणों के निस्तारण को लेकर विभागीय अधिकारी व कर्मचारी से लेकर शाससन स्तर तक होती है समीक्षा
सूबे में पहले अपनी-अपनी समस्याएं लेकर जनता विभिन्न सरकारी दफ्तरों में एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय का चक्कर लगाया करती थी। ‘तहसील दिवस’ पर भी शिकायतें दर्ज करायी जाती थीं। अब तहसील दिवस का नाम ‘संपूर्ण समाधान दिवस’ करते हुए जनसमस्याएं सुनी जाती हैं। दूसरी ओर, शिकायतें और समस्याएं ऑनलाइन भी दर्ज करने की व्यवस्था दी गयी है। खास यह कि ऑनलाइन स्तर पर की गयी इस पहल के बाद बहुत बड़ा बदलाव आया। इसमें आला अफसर से लेकर कर्मचारी तक की जिम्मेदारी तय कर दिये जाने से शिकायतें के निबटारे को लेकर अधिकारी गंभीर हो गये। इसकी एक वजह यह भी है कि ऑनलाइन स्तर पर समस्या दर्ज कराने के बाद उसके निस्तारण की प्रगति की निगरानी मुख्यमंत्री स्तर से की जाती है। यह ऑनलाइन व्यवस्था सरकारी पोर्टल ‘जनसुनवाई.यूपी.एनआईसी.इन’ पर दी गयी है। इसे आईजीआरएस यानि इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम या समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली भी कहते हैं। इसकी मॉनिटरिंग जनपद में तैनात ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर यानि ईडीएम करते हैं। जन समस्याओं के निबटारे के बारे में वाराणसी में ईडीएम के पद पर तैनात प्रसून कुमार अग्रवाल से खास मुलाकात की गयी——–

घर बैठे ऑनलाइन दर्ज करें अपनी समस्या
ईडीएम प्रसून बताते हैं कि शासन ने आईजीआरएस की शुरुआत 2016 में की। विशेष बात यह है कि इस पोर्टल पर पर आप अपने स्मार्ट फोन या लैपटॉप अथवा एप के जरिये घर बैठे भी शिकायत या समस्या दर्ज कर सकते हैं। यदि घर बैठे ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने में कठिनाई है तो अपने क्षेत्र या कहीं भी स्थित जनसेवा से केंद्र यानि सीएससी पर जाकर ‘जनसुनवाई’ पोर्टल पर शिकायत दज कराने भी संभव है। इस पोर्टल पर एक बार शिकायत फीड होने के बाद जनपद में स्थित संबंधिक विभाग से लेकर लखनऊ तक उसके निस्तारण पर निगरानी रहती है। शिकायतों के निबटारे का टाइमलाइन तय है। निश्चित अवधि के भीतर फरियादी की समस्या का समाधान हर हाल में गुणवत्ता के साथ सुनिश्चित करने की अनिवार्यता है। इसके लिए जनपद स्तर पर लगभग प्रतिदिन, साप्ताहिक और मासिक स्तर पर समीक्षा होती है। किसी प्रकरण में समाधान न किये जाने पर उसमें आ रही अड़चन को समाप्त करने के उपाय निर्धारित किये जाते हैं। यदि कोई मामला कोर्ट में है तो उस प्रकरण में न्यायालय स्तर से संबंधित फैसला आने तक किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जाता।

तीन विभागों से जुड़ी शिकायतें सर्वाधिक
जनसुनवाई पोर्टल शिकायतों को निबटारा उसी दिन से लेकर एक माह के भीतर अलग-अलग मामलों में अलग-अलग है। कुछ प्रकरण उसी दिन या तीन दिन के भीतर तो कुछ मामले सात दिन से लेकर 30 के अंदर निस्तारित करना अनिवार्य किया गया है। शिकायतों के निबटारे में उदासीनता बरतने या लापरवाही पाए जाने अथवा मामला संज्ञान में न लेने की स्थिति में संबंधित अधिकारी व कर्मचारी की जिम्मेदारी तय होती है। प्रसून के अनुसार वाराणसी में आमतौर पर सर्वाधिक शिकायतों नगर निगम से संबद्ध साफ-सफाई, पुलिस के विभिन्न प्रकरण और राजस्व से जुड़े मामलों के आते हैं।

जनपद में हैं करीब 1700 जनसेवा केंद्र
वाराणसी जिले के ग्रामीण इलाकों के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में दो और शहरी क्षेत्र के हरएक वॉर्ड में दो जनसेवा केंद्र स्थापित हैं। जनपद में कुल मिलाकर लगभग 17 सौ जनसेवा केंद्र संचालित हो रहे हैं। इस कारण नागरिक विभिन्न समस्याओं या शिकायतों के समाधान के लिए अपने क्षेत्र में स्थित जनसेवा केंद्र का लाभ उठा रहे हैं।
टोल फ्री नंबर से भी कर सकते हैं शिकायत
ई डिस्ट्रिक्ट मैनेजर प्रसून अग्रवाल कहते हैं कि संपूर्ण समाधान दिवस के मौकों पर प्राप्त शिकायतें व समस्याएं भी एकीकरण पोर्टल ‘जनसुनवार्ई’ पोर्टल पर फीड कर संबंधित विभाग को उसके निबटारे के लिए भेज दी जाती हैं। इसके लिए प्रत्येक विभाग में जन शिकायत का अलग टेबल और नोडल अधिकारी निर्धारित हैं। खास यह कि इस पोर्टल पर आप सरलतापूर्वक यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि आपकी ओर से दर्ज करायी गयी शिकायत वर्तमान में कहां तक पहुंची। दूसरी ओर, शासन की एक और व्यवस्था उल्लेखनीय है कि आप अपनी शिकायत या समस्या टोल फ्री नंबर ‘1076’ पर फोन के माध्यम से भी दर्ज करा सकते हैं। सिर्फ यही नहीं, किसी भी शिकायतकर्ता के प्रकरण के निस्तारण के बाद अधिकारी रेंडमली किसी फरियादी को कॉल पर पूछते हैं कि क्या वह अपनी समस्या को लेकर किये गये समाधान से संतुष्ट है अथवा नहीं। यदि उस फरियादी ने असंतुष्टी व्यक्त की तो उसे और भी गंभीरतापूर्वक लिया जाता है।