Pahalgam Attack: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने एक बार फिर हिंदू-मुसलमानों के बीच विभाजन को हवा देने वाला बयान दिया है। शनिवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के काकुल स्थित पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी (पीएमए) में कैडेट्स की पासिंग आउट परेड के दौरान मुनीर ने कहा कि हिंदू और मुसलमान जीवन के हर क्षेत्र में भिन्न हैं और यही सोच पाकिस्तान की बुनियाद बनी थी।
अपने भड़काऊ और विवादास्पद बयानों के लिए पहचाने जाने वाले मुनीर ने अपने भाषण में दो-राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन करते हुए कहा कि उनके पूर्वजों का दृढ़ विश्वास था कि धर्म, संस्कृति, रीति-रिवाज, सोच और महत्वाकांक्षाओं के स्तर पर हिंदू और मुसलमान दो बिल्कुल अलग समुदाय हैं। मुनीर ने अपने बयान में इस विचारधारा को दोहराया जिसे कभी पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने भी प्रचारित किया था।
Pahalgam Attack: पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
यह पहली बार नहीं है जब असीम मुनीर ने ऐसा विवादास्पद बयान दिया है। लगभग एक हफ्ते पहले भी एक अन्य कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विदेशों में बसे पाकिस्तानियों से अपील की थी कि वे अपने बच्चों को पाकिस्तान के संघर्ष और इतिहास के बारे में बताएं। तब भी उन्होंने मुसलमानों और हिंदुओं के बीच सांस्कृतिक और वैचारिक अंतर को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था।
विशेषज्ञों का मानना है कि असीम मुनीर इस तरह के बयान अपने आकाओं के इशारे पर इसलिए दे रहे हैं ताकि पाकिस्तान के भीतर अपनी सरकार के खिलाफ उठ रही असंतोष की आवाजों को भटकाया जा सके। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के माहौल में मुनीर का यह बयान और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। विश्लेषकों के अनुसार, भारत के सख्त रुख और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है, और सेना प्रमुख ऐसे भड़काऊ भाषण देकर आंतरिक संकट से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
मुनीर ने अपने भाषण में पाकिस्तान के निर्माण को एक महान बलिदान बताया और कहा कि देश की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। जिन्ना की टू नेशन थ्योरी का जिक्र करते हुए उन्होंने दोहराया, “हमारे धर्म, परंपराएं, संस्कृति और सोच एक-दूसरे से अलग हैं, और इसी सिद्धांत के आधार पर पाकिस्तान का निर्माण हुआ था। हम कभी एक राष्ट्र नहीं थे और न ही हो सकते हैं।”