जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में हालिया आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा रणनीति को लेकर गतिविधियां तेज कर दी हैं। मंगलवार को नई दिल्ली में गृह मंत्रालय की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें देश की प्रमुख अर्धसैनिक और विशेष सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के वरिष्ठ अधिकारियों ने वर्तमान सुरक्षा हालात और भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श किया।
इस घातक हमले के बाद बुधवार को सुबह 11 बजे केंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक बुलाई गई है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं करेंगे। माना जा रहा है कि यह बैठक हमले के मद्देनज़र राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा प्रबंधन और आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति पर महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है।
Pahalgam: पाक के रक्षामंत्री का सोशल मीडिया अकाउंट भारत में ब्लाक
इस बीच भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मंगलवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के सोशल मीडिया अकाउंट (X हैंडल) को भारत में ब्लॉक कर दिया गया। इसकी वजह उनका एक वीडियो बताया जा रहा है, जो हमले के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उस वीडियो में ख्वाजा आसिफ को पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी संगठनों की वित्तीय सहायता स्वीकार करते हुए देखा गया। इससे एक दिन पहले भारत ने 17 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को भी प्रतिबंधित कर दिया था, जो भ्रामक और भारत विरोधी सामग्री फैला रहे थे।
इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस आतंकी हमले को लेकर एक बड़ी जानकारी साझा की है। सूत्रों के अनुसार, इस हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान का पूर्व SSG (स्पेशल सर्विस ग्रुप) कमांडर हाशिम मूसा है, जो अब लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, मूसा को विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए भेजा गया था। उसका मकसद था सुरक्षा बलों और गैर-कश्मीरी नागरिकों को निशाना बनाना। इससे पहले अक्टूबर 2024 में उसने गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में भीषण हमला किया था, जिसमें कई मजदूरों और एक स्थानीय डॉक्टर की जान चली गई थी।
हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के हवाले है, जो घटनास्थल का बार-बार निरीक्षण कर हमले की सटीक तस्वीर तैयार कर रही है। सूत्रों का कहना है कि एनआईए स्थानीय सहयोगियों की भूमिका को खंगालने में जुटी है, जिन्होंने संभवतः आतंकियों को आश्रय, रसद या जानकारी मुहैया कराई थी।
गौरतलब है कि यह हमला 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुआ था, जिसमें 26 निर्दोष हिंदू मारे गए थे। आतंकियों ने पूरी प्लानिंग से उस समय हमला किया, जब पर्यटक समूह घाटी की ओर बढ़ रहा था। इस त्रासदी ने न केवल राज्य को, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है।
भारत सरकार अब आतंकवाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ रही है। इस घटना ने एक बार फिर सीमा पार से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाले दिनों में भारत कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तरों पर कड़े कदम उठा सकता है।