बॉलीवुड की परंपराओं के अनुसार किसी भी फिल्म अभिनेता को लव स्टोरी से ही लॉन्च किया जाता है। अजय देवगन की पहली फिल्म “फूल और कांटे” के एक हिस्से में सिर्फ लव स्टोरी ही है, लेकिन अजय देवगन एक स्टंट मास्टर के बेटे भी रहे हैं। इसलिए उन्हें सिर्फ लव स्टोरी से ही लॉन्च नहीं किया जा सकता था।
अजय देवगन के लिए पहली ही इंट्री ऐसी सोची गई जो कि भारतीय सिनेमा में ऐतिहासिक है। दो बाइक पर खड़ा होकर आना, वो भी पहले ही सीन में पहले कभी किसी भी हीरो की इंट्री ऐसे नहीं हुई थी। अजय देवगन का ये सीन सिनेमा में ऐतिहासिक बन गया। इसके बाद हिंदी सिनेमा को एक नया एक्शन हीरो मिल चुका था।
अजय देवगन का नाक नक्श चेहरा एक बॉलीवुड हीरो जैसा नहीं था, लेकिन एक्शन दृश्य, कमाल के स्टंट सीन, बोलती आंखें… इन सब ने मिलकर ऐसा कमाल किया कि ये हीरो आज तीन दशक के बाद भी बॉलीवुड में जमा हुआ है और आज भी सोलो हीरो फिल्में कर रहा है।
पहली फिल्म में जरुर से अजय देवगन उतनी अच्छी एक्टिंग नहीं कर पाए, जितनी उन्होंने बाद के वर्षों में की है। इस फिल्म में एक्टिंग का सारा जिम्मा अमरीश पुरी के हाथ में था। उन्होंने अद्भुत एक्टिंग की और कमाल की डायलॉग डिलीवरी का प्रदर्शन किया। ये फिल्म लव स्टोरी के साथ ही बाप बेटे के संबंध पर भी थी, जिसमें अमरीश पुरी साहब हमेशा ही कमाल लगते हैं।
फिल्म की शुरुआत में कॉलेज के दृश्य दिखाए गए थे जो कि बहुत सफल रहे और आने वाले वर्षों तक काफी फिल्मों में इन दृश्यों को कॉपी किया गया। बाद की फिल्मों में भी कॉलेज लाइफ ऐसी ही दिखाई गई। अजय देवगन का हेयर स्टाइल भी युवाओं में बहुत अधिक लोकप्रिय हुआ था।
फिल्म में नदीम श्रवण का संगीत था जो कि उस समय तक आशिक़ी के बाद उनका दूसरा सबसे सफल फिल्मी म्यूजिक एल्बम था। इस फिल्म की सफलता इतनी अधिक थी कि इस फिल्म के कारण यशराज बैनर जैसे बड़े प्रोडक्शन हाउस की फिल्म लम्हे भी इसके सामने फेल हो गई थी। लम्हे फिल्म फुल और कांटे से पहले रिलीज हुई थी लेकिन वो फिल्म box office पर फ्लॉप रही थी।