Port Blair name changed: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस ऐलान की जानकारी दी।
Port Blair: गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति:
गृह मंत्री शाह ने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्त करने के अभियान के तहत गृह मंत्रालय ने आज पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ कर दिया है। यह नाम अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के स्वाधीनता संग्राम में योगदान और उनके ऐतिहासिक महत्व को सम्मानित करता है।”
देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के संकल्प से प्रेरित होकर आज गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय लिया है।
— Amit Shah (@AmitShah) September 13, 2024
‘श्री विजयपुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को…
नेताजी की बर्थ एनिवर्सरी पर 21 द्वीपों का नामकरण:
गौरतलब है कि इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती पर 23 जनवरी 2023 को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करने का निर्णय लिया था। यह कदम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से उठाया गया था।
पहले भी बदले गए थे द्वीपों के नाम:
28 दिसंबर 2018 को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अंडमान-निकोबार दौरे के दौरान तीन द्वीपों का नाम बदलने की घोषणा की थी। उन्होंने हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर ‘स्वराज द्वीप’, नील द्वीप को ‘शहीद द्वीप’ और रॉस द्वीप को ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप’ कर दिया था। इन बदलावों के पीछे उद्देश्य था भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रति सम्मान और इतिहास के महत्वपूर्ण स्थानों को उनकी असल पहचान दिलाना।
अंडमान का ऐतिहासिक महत्व:
अमित शाह ने अपने पोस्ट में कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में विशेष स्थान है। यह वही भूमि है जहाँ नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सबसे पहले तिरंगा फहराया था। इसके अलावा, सेलुलर जेल में वीर सावरकर और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने वर्षों तक ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष किया था। चोल साम्राज्य के समय से ही यह द्वीप नौसेना अड्डे के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है और आज यह देश की सुरक्षा और विकास का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है।
2018 में प्रधानमंत्री मोदी का दौरा:
साल 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने पोर्ट ब्लेयर का दौरा किया था, जहां उन्होंने नेताजी द्वारा भारतीय धरती पर तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने वहां उपस्थित जनता से मोबाइल की फ्लैश लाइट चालू करके नेताजी को सम्मानित करने की अपील की थी और सुभाष बाबू जिंदाबाद के नारे भी लगवाए थे।