Prayagraj: प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, तेलियरगंज में शनिवार को “भारतीय संस्कृति में कुंभ पर्व की परंपरा और प्रयाग कुंभ” पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। यह संगोष्ठी सम्राट हर्षवर्धन शोध संस्थान और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुई। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
Prayagraj: महाकुंभ का वैश्विक महत्व
मंत्री नंदी ने अपने संबोधन में महाकुंभ को भारतीय संस्कृति और परंपराओं का जीवंत प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ वह मंच है जहां “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की भावना साकार होती है। उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास जी के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा कि प्रयागराज सदियों से आस्था, अध्यात्म, और मोक्ष की प्राप्ति के लिए श्रद्धालुओं का स्वागत करता आया है।

महाकुंभ-2025 की तैयारी को लेकर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस महाकुंभ में दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालु भारतीय संस्कृति की दिव्यता और भव्यता का अनुभव करेंगे।
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सामाजिक समरसता का प्रतीक
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट दर्पण है। मंत्री नंदी ने बताया कि यह पर्व जाति, धर्म, भाषा और आर्थिक स्थिति के भेदभाव से परे सभी को एक समानता के सूत्र में बांधता है। पतित पावनी त्रिवेणी में डुबकी लगाते हुए करोड़ों लोग भारतीय संस्कृति की एकता और बंधुत्व का अनुभव करते हैं।

उन्होंने कहा कि जो लोग समाज को बांटने की राजनीति करते हैं, उन्हें महाकुंभ के इस संदेश से प्रेरणा लेनी चाहिए। भारतीय संस्कृति में निहित आदर्श समाज को एकजुट रखने की प्रेरणा देते हैं।
विशेषज्ञों और गणमान्यजनों की भागीदारी
इस अवसर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी, जय मीनेश आदिवासी विश्वविद्यालय कोटा के कुलपति प्रोफेसर डीपी तिवारी, पूर्व पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, और सम्राट हर्षवर्धन शोध संस्थान के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ‘अन्नू भैया’ सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व उपस्थित थे।