लगातार हो रही बारिश (Rain) ने चुकहां गांव के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सोमवार की सुबह सोनकर बस्ती की महिलाओं ने जलभराव की समस्या से तंग आकर चौबेपुर–बलुआघाट मार्ग पर बांस-बल्ली और रस्से लगाकर जाम कर दिया। महिलाओं ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जल्द से जल्द जल निकासी की व्यवस्था कराने की मांग की। ग्रामीणों के अनुसार, प्राथमिक विद्यालय के पास सोनकर बस्ती में जल निकासी की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है।
कुछ लोगों द्वारा निजी जमीन पर पानी के बहाव को रोक देने से स्थिति और गंभीर हो गई है। गलियों और घरों में पानी (Rain) भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। स्थानीय निवासी विशाल सोनकर ने बताया कि यह समस्या पिछले दस वर्षों से बनी हुई है। उन्होंने कहा, “हमने चार अक्टूबर को जिलाधिकारी कार्यालय, तहसील चौबेपुर और थाना चौबेपुर में लिखित शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि इसी इलाके में जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी और प्रधान का भी घर है।”

महिलाओं का छलका दर्द
शिला देवी ने कहा, “हर साल बारिश होते ही घरों में पानी भर जाता है। बच्चों को स्कूल भेजना भी दूभर हो जाता है। अधिकारी सिर्फ देखने आते हैं, कोई स्थायी समाधान नहीं करते।”फूला देवी बोलीं, “हम लोग कीचड़ और गंदे पानी (Rain) में रहने को मजबूर हैं। घर से निकलने पर पैर तक पानी में डूब जाते हैं। सफाई और नाली की व्यवस्था न के बराबर है।” लालमनी देवी ने कहा, “दस साल से यही हाल है। अधिकारी फोटो खिंचवाकर चले जाते हैं। इस बार मजबूर होकर सड़क पर उतरना पड़ा।” सुनीता देवी ने कहा, “पानी भरने से बीमारियां फैल रही हैं। बच्चे बुखार से पीड़ित हैं, फिर भी कोई सफाई नहीं कराई जा रही।

जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा, विरोध जारी रहेगा।” सुशीला देवी ने बताया, “तीन दिन से हमारे घर में चूल्हा नहीं जला। रसोई तक पानी (Rain) भर गया है। खाना बनाना तो दूर, बैठने की भी जगह नहीं बची।” प्रशासन मौन, ग्रामीण बेहाल ग्रामीणों का कहना है कि समस्या हर साल दोहराई जाती है, लेकिन प्रशासन केवल आश्वासन देकर चुप हो जाता है। अब ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द जल निकासी की व्यवस्था नहीं की गई तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।

