Ramleela 1st Day: परम्पराओं के शहर काशी में आज से त्रेतायुग के दर्शन होंगे। वहीं त्रेतायुग के देवी-देवता भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान समेत समस्त देवी-देवताओं के दर्शन होंगे। जी हां, काशी में आज से विश्वप्रसिद्द रामलीला का मंचन शुरू होने जा रहा है। आज अनंत चतुर्दशी के दिन रावण जन्म के साथ ही क्षीर सागर में जगत के पालनहार भगवान विष्णु के दर्शन होंगे।

आध्यात्मिक नगरी काशी में गुरूवार से रामनगर की विश्व प्रसिद्द रामलीला (Ramleela 1st Day) का मंचन होने जा रहा है। शाम पांच बजे रामबाग लीला स्थल में रावण जन्म के साथ ही रामावतार की भविष्यवाणी से समस्त जगत में हर्षोल्लास का माहौल स्थापित हो गया।

इसके बाद रात में रामबाग पोखरा कुछ पल के लिए क्षीर सागर का रूप ले लेगा, जब इसमें साक्षात् शेषनाग पर भगवान श्री हरि विराजमान होंगे। इसके लिए विश्वभर से भक्त गुरुवार दोपहर से ही उमड़ पड़े। साधू सन्यासियों ने आस पास के मठों में डेरा डाला। इसके साथ ही नेमियों ने अपने-अपने ठिकानों में रात्रि विश्राम कर बृहस्पतिवार की शाम का इंतज़ार किया।

Ramleela 1st Day: मंचन से पीला हुआ पूर्वाभ्यास
रामलीला के प्रथम दिन के मंचन से पूर्व बुधवार देर शाम तक इसका पूर्वाभ्यास किया गया। प्रातःकाल लीला सकुशल संपन्न कराने के लिए दुर्ग के दक्षिणी-पूर्वी हिस्से की बुर्जी पर परंपरानुसार इंद्रा देव का पूजन किया गया। इसके साथ ही सफ़ेद ध्वज भी फहराया गया।

रामलीला के क्रम में भाद्र शुक्ल चतुर्थी से रामलीला (Ramleela 1st Day) पक्की पर चल रहे बालकाण्ड के 175 दोहे-चौपाइयों का बुधवार की शाम मंचन किया गया। दस दिनों तक इसमें रामायणी दल ने प्रसंगों का गायन किया जिनका रामलीला में मंचन नहीं किया जाता है।