वाराणसी (Varanasi): स्थित रामनगर किले के मुख्य द्वार का रंग हटाने का कार्य शुरू हो गया है। 25 साल बाद यह द्वार अपने मूल स्वरूप में दिखाई देगा। किले के इस ऐतिहासिक द्वार पर लगभग 25 साल पहले रंग चढ़ाया गया था, जिसे अब हटाया जा रहा है। जयपुर से बुलाए गए कारीगरों की टीम पेंट हटाने का काम कर रही है, और इस प्रक्रिया में लगभग तीन महीने का समय लगेगा।
Varanasi: केमिकल और पानी के दबाव से हटेगा रंग
ठेकेदार राहुल के अनुसार, पेंट हटाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे 24 घंटे तक छोड़ दिया जाता है। इसके बाद पानी के प्रेशर से रंग को हटाया जाता है। इस प्रक्रिया से किले के बलुआ पत्थर का मूल स्वरूप उभरकर सामने आएगा। पेंट हटने के बाद पत्थर को फिर से तराशा जाएगा।
किले का ऐतिहासिक महत्व
किले का निर्माण 1750 में राजा बलवंत सिंह द्वारा मुगल शैली में किया गया था। इस किले में वेद व्यासजी का मंदिर भी स्थित है। किले के मुख्य द्वार पर पेंट लगवाने का काम करीब 25 साल पहले काशीराज परिवार द्वारा किया गया था। इस पेंटिंग से न केवल पत्थर का मूल स्वरूप बदल गया, बल्कि पत्थर भी खराब हो रहे थे। अब इस पेंट हटाने से किले का ऐतिहासिक रूप फिर से लौटेगा।
Highlights
किले की रौनक लौटेगी
सुरक्षाधिकारी दुर्ग प्रशासन राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि किले के मुख्य द्वार के पेंट को हटाने का कार्य चल रहा है, और किले के मूल स्वरूप की रौनक जल्द ही लौटेगी। पेंट हटने के बाद किले की सुंदरता और भी बढ़ेगी, जिससे पर्यटकों के लिए यह स्थल और भी आकर्षक बनेगा।