- RBI के इस फैसले से व्यापार पर पड़ा इसका पॉजिटिव असर – ललित सिंह
- 4 महीने का समय देकर सरकार ने दी है जनता को सहूलियत – आर. के. चौधरी
- जमाखोरी को खत्म करने के लिए सरकार का है यह फैसला – अनूप मिश्रा
आरबीआई (RBI) द्वारा 2000 रुपये के नोट के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया,जिसका एलान कल शाम को आरबीआई (RBI) ने किया। घोषणा ने अनुसार 2000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक चलन में रहेंगे यानि कि 30 सितंबर के बाद यह नोट वैध नहीं माने जाएंगे। हालांकि आरबीआई (RBI) द्वारा नए नोट निर्गत करना पिछले कुछ सालों से ही बंद कर दिया था। लेकिन अब इसे चलन से बाहर करने का भी फैसला ले लिया गया है।
कोई भी व्यक्ति एक बार में 10 नोट यानि कि 20 हजार रूपये बैंक से एक्सचेंज करा सकता है। बैंक से एक्सचेंज कराने पर बैंक द्वारा उसे चलन में चल रहीं करंसी दे दी जाएगी।
RBI : 2016 के बाद फिर से आया एक बड़ा फैसला
मुद्दा तो यह भी सामने आ रहे हैं कि जब आज से साल पहले 2016 में नोटबंदी कर दिया गया था तब सरकार ने इसे भष्ट्राचार का मुद्दा बताते हुए उसे खत्म करने का दांवा किया था और 2000 के नोट जारी किए थें लेकिन आज फिर से सरकार ने 2000 रुपये के नोट बंद करने का फैसला लेते हुए इसे भष्ट्राचार का मुद्दा बताते हुए उसे खत्म करने का दांवा किया है। अब सोचने वाली बात यह है कि क्या अपनी ही बनायी गयी रणनीति में सरकार असफल हुई है या फिर जामखोरी को खत्म करने के लिए यह उनकी कोई अलग रणनीति है।
इसके साथ ही जब इसके पहले नोटबंदी की गयी थी तब अचानक से 500 और 1000 के नोट एकदम से बंद कर दिए गए थें जिसके चलते चारों तरफ अफरातफरी मच गयी थी लोग पैनिक हो गए थें लेकिन इस बार ऐसा नहीं है, ना ही यह नोटबंदी है।
इस बार सरकार ने सिर्फ 2000 के नोट को बंद करने का फैसला किया है लेकिन इसके लिए सरकार ने सभी को 4 महीने का समय दिया है। आपको क्या लगता है कि यह जो 2000 के नोट चलन से बाहर कर दिए गए है उसके पीछे का क्या कारण है? इससे व्यापार पर कितना असर पड़ेगा? क्या सच में सरकार के ऐसे फैसले से भष्ट्राचार खत्म होगा?
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इन सभी बातों पर हमारे जनसंदेश की टीम ने चर्चा की कुछ प्रमुख उद्यमियों, व्यापारियों और टैªवेल एजेन्ट से….
इस बात पर प्रमुख उद्यमी और समाज सेवी आर. के. चौधरी ने कहा कि इसका हमारे इंडस्ट्री में कोई असर नहीं पड़ा क्योंकि इसके लिए सरकार ने काफी समय दिया है। 4 महीने का समय बहुत होता है, यह सभी के लिए सहुलियत है कि वह इतने में अपना नोट बैंक से एक्सचेंज करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसका एक कारण यह भी है कि सरकार ने पहले ही आशंका जताई थी कि इसको बंद किया जा सकता है और आरबीआई द्वारा पिछले 2-3 सालों से ही 2000 के नोट जारी करने बंद कर दिए गए थे। ऐसे में अचानक से यह फैसला आना कोई आचंभित बात नहीं है।

वहीं अर्थशास्त्री प्रोफेसर अनूप मिश्रा ने कहा कि सरकार ने यह फैसला लिया तो इसके पीछे को महत्वपूर्ण कारण होगा। बात अगर देश की अर्थव्यवस्था की करें तो 2000 का नोट एक बड़ा अमाउण्ट है जो हर किसी के पास तो होता है नहीं है। यह कहीं ना कहीं चाहे वह व्हाइट मनी हो या ब्लैक मनी हो जिसके नाम पर लोंगो ने स्टांकिग करके रखा है उसको निकलवाना है क्योंकि आज मार्केट में सिर्फ 10 प्रतिशत ही 2000 के नोट देखने को मिल रहें हैं।

वाराणसी व्यापार मण्डल के अध्यक्ष अजीत सिंह ‘बग्गा’ ने कहा कि इस फैसले से कहीं ना कहीं यह लगता है कि सरकार असफल है अपनी रणनीतियों में इसके साथ ही इतनी जल्दी जल्दी नोट को बंद कर देना यह देश की अर्थव्यवस्था पर भी बेहद असर डालता है। अगर सरकार को फैसले लेने ही हैं तो कोई ठोस फैसला ले और अगर ना हो तो सिर्फ छोटे नोट को चलन में रखकर बडे़ नोटों को बंद कर दें।

वहीं बातचीत के दौरान व्यापारी और समाजसेवी आलोक पारिख ने बताया कि आरबीआई (RBI) के इस फैसले से व्यापार वर्ग पर कोई उतना असर नहीं पड़ेगा। 4 महीने का समय है, लोग आराम से नोट एक्सचेंज करा सकते हैं। जहां तक भष्ट्राचार की बात है यह एक अलग मुद्दा है और सिर्फ नोटबंदी से यह खत्म नहीं होगा। सरकार को इसके लिए और भी कई ठोस कदम उठाने पड़ेंगे।

ट्रैवेल से जुड़े ललित सिंह ने बताया कि हमारे व्यापार पर इसका बहुत ही पॉजिटिव प्रभाव पड़ा है। कल शाम में जब से आरबीआई ने यह एलान किया है तब से हमारे पास काफी क्योरी आ रही है। नैशनल और इंटरनेशनल दोनों जगह के लिए हमारे पास से लोग पूछताछ कर रहे हैं और इसके साथ ही लोग घूमने जाने का प्लान कर रहें हैं ताकि वह अपना रूपया कहीं इंवेस्ट कर सके और किसी अच्छी जगह का आनंद भी उठा सकें। इस रिपान्स के चलते हमें भी काफी मुनाफा हो रहा और आगे भी होगा।

हालांकि आरबीआई (RBI) ने सिर्फ 2000 के नोट के चलन से बाहर करने का फैसला जारी किया है। इसके बाद क्या निर्णय लिए जाएंगे और क्या निर्देश जारी होगा यह अभी साफ नहीं है। ये संभावना है कि आरबीआई (RBI) जल्द ही इस बारे में कोई नया दिशा निर्देश जारी करेगा।