वाराणसी। हरे कृष्ण हरे राम संकीर्तन सोसाइटी के द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami) के तीन दिवसीय महोत्सव की शुरुआत अन्नपूर्णा नगर कालोनी से भगवान श्रीकृष्ण और श्री लड्डू गोपाल की भव्यशोभा यात्रा के साथ की गयी। शोभायात्रा में श्री कृष्ण की भक्ति में रमे भक्तगण हरे कृष्ण महामंत्र का कीर्तन करते हुए और नाचते-झूमते बैण्ड बाजे के साथ चलते नजर आये। शंखनाद तथा डमरू सेवा दल के साथ स्कूली बच्चों ने भी शोभायात्रा में विभिन्न प्रकार के सामाजिक व धार्मिक संदेश पट्टीयाँ लेकर उत्साहित दिखें।

शोभायात्रा (Shri Krishna Janmashtami) के मार्ग में पड़ने वाले समस्त छोटे-बड़े मंदिरों पर रूक कर शंखनाद तथा डमरू वादन के साथ उद्घोष किया गया। वहीं शोभायात्रा के अन्त में माहेश्वरी भवन के पास आरती उतारकर भगवान के सभी विग्रहों को 3 दिन के लिए माहेश्वरी भवन महमूरगंज में स्थापित कर दिया गया।
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प्रथम दिवस के द्वितीय चरण में कार्यक्रम का शुभारम्भ सायंकाल 6 बजे तुलसी महारानी की आरती “ तुलसी कृष्ण प्रेयसी नमो नमः” से प्रारम्भ हुआ। फिर श्री श्री राधा रानी तथा भगवान श्री कृष्ण Shri Krishna Janmashtami के युगलावतार चैतन्य महाप्रभु की आरती (जय जय गौराचांदेर आरती के शोभा एवं श्री नृसिंह भगवान की भावपूर्ण आरती हुई एवं महामंत्रो के गायन पर भक्तजन नाचते, गाते, झूमते रहे। इसके बाद हरे कृष्ण महामंत्र का कीर्तन किया गया।

वहीं कार्यक्रम (Shri Krishna Janmashtami) में बालगोपाल भक्त जनों द्वारा नृत्य नाटिका की सुन्दर मनमोहक प्रस्तुति की गई। डॉ. नेहा सिंह (गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर) द्वारा बालगोपाल भक्त जनों को मेमोन्टो देकर सम्मानित किया गया।

Shri Krishna Janmashtami : नित्यानन्द महराज ने दिया प्रवचन
श्री धाम वृंदावन में आयें नित्यानन्द महराज ने श्री कृष्ण के उपदेशों तथा लीलाओं पर प्रवचन दिया और हुए बताया कि भगवान का जन्म Shri Krishna Janmashtami और कर्म भौतिक नहीं होता है तथा भक्ति के बारे में उन्होंने बताया कि जो अपनी इन्द्रियों पर विजय प्राप्त करके शान्त और समदर्शी रहता है वही सर्वदा पूर्ण संतोष का अनुभव करता है वही श्री भगवान के सान्निध्य का अनुभव करता है।

