Sonbhadra: खनन निदेशक माला श्रीवास्तव ने सोनभद्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र का दौरा किया। हालांकि इस दौरान खनन क्षेत्र में सन्नाटा पसरा रहा। लोगों ने कहा जो भी खदान चल रही है अगर मानक के अनुसार चल रही है तो खनन निदेशक के आने पर उन्होंने काम को क्यों बंद रखा है। यह दर्शाता है कि खनन कार्य मानकों के विपरीत हो रहा है और खननकर्ता खतरनाक हो चुकी खदानों (Sonbhadra) पर पर्दा डाल रहे हैं। सम्बंधित विभाग को समय-समय पर खदानों का ऑडिट करके जांच करनी चाहिए।
अपने दौरे के दौरान माला श्रीवास्तव ने क्षेत्र के विकास, विभागीय कार्यों को आगे बढ़ाने की रणनीति और स्थानीय समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह दौरा मुख्य रूप से इन विषयों पर विचार-विमर्श के लिए किया गया है।

जिलाधिकारी ने नियमों के लिए दिए निर्देश
निदेशक ने कहा कि बिल्ली मारकुंडी एक संपदा संपन्न क्षेत्र है और इसका विकास यहां के लोगों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने आगे की रणनीति पर बात करने और सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के तरीकों पर विचार करने के लिए यह दौरा किया। आज और कल में विभिन्न पट्टाधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद आगे की कार्ययोजना तय की जाएगी।
सुरक्षा को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए, निदेशक ने सभी पट्टेधारकों को जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करने की हिदायत दी। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी (Sonbhadra) ने भी बैठक कर सभी को नियमों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
Sonbhadra:राजस्व प्राप्ति का महत्वपूर्ण स्रोत
खनन के मानकों और भारत सरकार के डायरेक्टर जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी (DGMS) के निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। माला श्रीवास्तव ने सतत और जिम्मेदार खनन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संसाधनों का उपयोग इस तरह से किया जाना चाहिए जिससे क्षेत्र (Sonbhadra) का विकास हो और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हों। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र राज्य के लिए खनिज आपूर्ति और राजस्व प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
निदेशक ने कहा कि प्रशासन इन सभी पहलुओं पर एक अच्छी दिशा और जिम्मेदारी के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने नई ऊर्जा के साथ बेहतर ढंग से कार्य करने का आह्वान किया। स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें पहले उस कृष्ण माइनिंग खदान (Sonbhadra) का दौरा करना चाहिए था, जहां हाल ही में हुए हादसे में 7 लोगों की मौत हुई थी।
अवैध विस्फोटक की जाँच
इसके बाद से ही जनपद के 37 पत्थर खदानें (Sonbhadra) डीजीएमएस के आदेश के बाद से ही बंद है। लोगों का कहना है कि निदेशक ने घटनास्थल का दौरा नहीं किया, जिससे जांच की प्रगति को लेकर उनकी जानकारी अधूरी रह गई।
कई खतरनाक खदानों को लेकर शिकायत कर चुके निर्भय चौधरी ने कहा खनन निदेशक माला श्रीवास्तव को सोनभद्र (Sonbhadra) के बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में खतरनाक हो चुकी खदानों की जांच और उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। चौधरी ने खदानों में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक की आरई 13 (RE 13) की जांच की भी मांग की, ताकि अवैध विस्फोटक आपूर्तिकर्ताओं का पता चल सके।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उनसे खनन कार्य कराया जाए, जिससे उन्हें रोजगार मिल सके। साथ ही, विस्फोटक का उपयोग तय मानकों के अनुसार हो ताकि पर्यावरण प्रदूषण रोका जा सके और खदान (Sonbhadra) दुर्घटनाओं को टाला जा सके।

