Supreme Court: उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करने के लिए समय की मांग कर रहे एक शख्स को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। बुधवार को हुई यचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय ने याचिका को ‘पब्लिसिटी’ के लिए दाखिल याचिका करार दिया है। याचिका दाखिल करने वाला शख्स तमिलनाडु से है और केंद्र सरकार के खिलाफ साल 2017 में किसान विरोध पदर्शन में भी शामिल रह चुके हैं।
तमिलनाडु के किसान और राजनेता पी अय्याकन्नू वाराणसी से लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारी चाहते थे। यह नामांकन दाखिल करने के लिए समय में विस्तार की मांग लेकर शीर्ष न्यायालय [Supreme Court] पहुंचे थे।
मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट [Supreme Court] के जस्टिस विक्रम नाथ ने अय्याकन्नू को कड़ी फटकार लगाई और याचिका को ‘टोटल पब्लिसिटी लिटिगेशन’ करार दिया।
Supreme Court ने वाराणसी से चुनाव लड़ने से जुड़ा सवाल किया
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से वाराणसी से चुनाव लड़ने से जुड़ा सवाल भी किया। शीर्ष न्यायालय ने पूछा, ‘आप 30 सालों से तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक में काम कर रहे हैं। वाराणसी के लोगों को आपको वोट क्यों देना चाहिए।’ रिपोर्ट [Supreme Court] के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि यह खबर अखबार में आ चुकी है और आपका याचिका दाखिल करने का मकसद पूरा हो चुका है।
रिपोर्ट के अनुसार, इसके जवाब में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वह 79 साल के लिए और एक मकसद के लिए लड़ रहे हैं। लॉ बीट के अनुसार, याचिका में कहा गया था कि अय्याकन्नू और अन्य किसानों को अवैध रूप से ट्रेन से उतार लिया गया था और 10 मई को पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। अय्याकन्नू देसीय थेनिदिया नथिगल इनैप्पु विवासङ्गल संगम के अध्यक्ष हैं।