हरिद्वार में गंगा स्नान के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव को अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती (Swami Jitendranand) ने आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने हाल ही में कुंभ के आमंत्रण पर सवाल उठाए थे और अब गंगा में स्नान करते हुए फोटो जारी कर रहे हैं।
“राजनीतिक दोगलेपन से बचें”- Swami Jitendranand
स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा, “मैं बार-बार राजनीतिक नेताओं से अपील करता हूं कि इस तरह के दोहरे चरित्र और दोगलेपन से बाहर निकलें। जो बातें आप कहते हैं, उनकी गंभीरता धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है। पहले कुंभ के आमंत्रण का विरोध और अब मकर संक्रांति पर गंगा स्नान, यह विरोधाभास स्पष्ट दिखाता है।”
सनातन धर्म की ओर झुकाव पर प्रतिक्रिया
उन्होंने (Swami Jitendranand) कहा, “जो नेता कभी इफ्तार पार्टियों में टोपी पहनकर तस्वीरें खिंचवाते थे, वे आज गंगा स्नान कर रहे हैं। यह सनातन धर्म की महिमा का प्रतीक है। यदि अखिलेश यादव ने खुद को सनातनी मानने का विचार अपनाया है, तो यह एक सकारात्मक बदलाव है। उनके माता-पिता भी सनातनी परंपरा का पालन करते थे, लेकिन अखिलेश को इस परंपरा को स्वीकारने में हिचक होती थी।”
स्वामी जितेंद्रानंद (Swami Jitendranand) ने स्वामी विवेकानंद के शब्दों का उल्लेख करते हुए कहा, “गर्व से कहो कि हम हिंदू हैं। यदि यह भावना अखिलेश यादव के भीतर जागी है, तो इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। सनातन धर्म का वैभव इस प्रकार सभी को आकर्षित कर रहा है।”
महामंत्री ने अखिलेश यादव के कदम को राजनीतिक दृष्टिकोण से प्रेरित बताया और कहा कि ऐसे नेता अपनी बातों और कृत्यों के बीच सामंजस्य बनाए रखें। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म के प्रति बढ़ती रुचि से धर्म का गौरव बढ़ा है, लेकिन इसे केवल दिखावे तक सीमित नहीं रखना चाहिए।
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