पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक और स्तंभकार तारिक फ़तेह (Tarik Fateh) का सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने 73 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। उनकी बेटी नताशा ने इसकी पुष्टि की है।
तारिक की बेटी नताशा ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब का शेर, हिंदुस्तान का बेटा, कनाडा का प्रेमी, सच्चाई का पैरोकार, न्याय के लिए लड़ने वाला, दबे-कुचलों और शोषितों की आवाज़, तारिक फ़तेह ने अपनी क्रांति का बैटन पास कर दिया है। उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी, जो उन्हें जानते थे या उनसे प्यार करते थे।
Lion of Punjab.
— Natasha Fatah (@NatashaFatah) April 24, 2023
Son of Hindustan.
Lover of Canada.
Speaker of truth.
Fighter for justice.
Voice of the down-trodden, underdogs, and the oppressed.@TarekFatah has passed the baton on… his revolution will continue with all who knew and loved him.
Will you join us?
1949-2023 pic.twitter.com/j0wIi7cOBF
फिल्म मेकर विवेक अग्निहोत्री ने तारिक फ़तेह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि सिर्फ एक ही था ‘तारिक फ़तेह’, जाबांज, मजाकिया, विचारक, बेहतरीन वक्ता और निर्भीक योद्धा, मेरे भाई आपको एक करीबी दोस्त के रूप में पाकर ख़ुशी हुई थी।
There was one and only @TarekFatah – daring, funny, knowledgable, sharp thinker, great orator and a fearless fighter.
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) April 24, 2023
Tarek, my brother, it was a delight to have you as a close friend.
Will you be able to rest in peace?
Om Shanti. pic.twitter.com/X9VcRKtyK4
बता दें कि तारिक फ़तेह का जन्म 20 नवम्बर 1949 को पाकिस्तान के कराची में हुआ था। उनका परिवार मुंबई का रहने वाला था, लेकिन बंटवारे के बाद कराची चला गया। उन्होंने कराची यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई की, लेकिन पत्रकारिता में रूचि होने का कारण उन्होंने बाद में पत्रकारिता को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया।
एक पाकिस्तानी टीवी चैनल में खोजी पत्रकारिता करने से पहले 1970 में उन्होंने कराची सन नाम के एक अख़बार में रिपोर्टिंग की। इसके लिए उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा। बाद में उन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया और सऊदी अरब में सेटल हो गए। इसके बाद वे वर्ष 1987 में कनाडा आ गए।
फतेह इस्लाम को लेकर अपने प्रोग्रेसिव विचारों और पाकिस्तान पर उनके कड़े रुख के लिए जाने जाते थे। वे कई बार BJP की अगुवाई में NDA की सरकार का भी समर्थन कर चुके हैं।