वाराणसी। नगर निगम ने प्राइवेट कोचिंग सेंटरों के संचालन को लेकर नई नीति (Tax Rule) लागू कर दी है। अब कोचिंग संस्थानों को नगर निगम से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा, साथ ही छात्रों की संख्या के आधार पर टैक्स भी जमा करना होगा। यह नियम “वाराणसी नगर निगम प्राइवेट कोचिंग सेंटर नियंत्रण उपविधि 2024” के तहत लागू किया गया है। नगर निगम की सदन में यह प्रस्ताव पास हो चुका है, और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।
Tax Rule: छात्रों की संख्या के अनुसार लगेगा टैक्स
नई उपविधि के अनुसार, नगर निगम ने छात्रों की संख्या के आधार पर टैक्स निर्धारित किया है:
- 50 छात्रों तक: ₹6,000 प्रतिवर्ष
- 51 से 100 छात्र: ₹10,000 प्रतिवर्ष
- 100 से अधिक छात्र: ₹15,000 प्रतिवर्ष
दो महीने में कराना होगा रजिस्ट्रेशन
नगर निगम ने कोचिंग संचालकों को 01 अप्रैल से 31 मई के बीच लाइसेंस प्राप्त करने और टैक्स जमा करने का समय दिया है। यदि कोई कोचिंग संचालक इस अवधि में टैक्स जमा नहीं करता है, तो 31 मई के बाद 50% विलंब शुल्क देना होगा।
लाइसेंस न लेने पर लगेगा जुर्माना
अगर कोई कोचिंग संचालक नगर निगम से लाइसेंस नहीं लेता है, तो उसे ₹500 का तत्काल जुर्माना देना होगा। इसके अलावा, 01 जून 2025 से प्रति दिन ₹20 अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जाएगा, जो तब तक वसूला जाएगा जब तक संचालक लाइसेंस नहीं ले लेता।
शहर में 5000 से अधिक कोचिंग सेंटर
वर्तमान में वाराणसी में 5,000 से अधिक प्राइवेट कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। इनमें एलन, फिजिक्सवाला और अन्य कॉर्पोरेट कोचिंग संस्थान भी शामिल हैं। सबसे अधिक कोचिंग संस्थान दुर्गाकुंड, कबीरनगर, सिगरा और महमूरगंज क्षेत्रों में स्थित हैं।
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नई व्यवस्था से कोचिंग सेक्टर पर असर
इस नियम के लागू होने से कोचिंग सेक्टर में पारदर्शिता आएगी और अवैध रूप से चल रहे संस्थानों पर रोक लगेगी। साथ ही, नगर निगम को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, जिसे शैक्षिक और बुनियादी ढांचे के विकास में लगाया जा सकता है। हालांकि, कुछ कोचिंग संचालकों ने इस पर आपत्ति जताई है और इसे एक अतिरिक्त वित्तीय बोझ बताया है।
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