Varanasi: एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी तेजी से विकास के रास्ते पर अग्रसर है, वहीं दूसरी ओर उनके संसदीय क्षेत्र के सरैयां वार्ड नंबर 87 की तस्वीर इस दावे को झुठलाती नज़र आ रही है। शहर के अधिकांश वार्डों में सौंदर्यीकरण और आधारभूत ढांचे पर नगर निगम करोड़ों खर्च कर रहा है, लेकिन सरैयां के लोगों को अब भी टूटे रास्तों, रिसते पाइपों और लापरवाह व्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि वर्तमान पार्षद जुफा अंसारी की अनदेखी ने इस वार्ड को बदहाली की राह पर ला खड़ा किया है। उनका कहना है कि पार्षद सालभर में मुश्किल से चार महीने ही वाराणसी में रहते हैं, बाकी समय अपने निजी व्यापार के सिलसिले में बाहर बिताते हैं। नतीजा यह है कि इलाके की बुनियादी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
Varanasi: टूटी सड़कें और रिसते पाइप बना रूकावट
मुस्लिमपुरा इलाके के लोगों का कहना है कि यहां की गलियां लंबे समय से बदहाल हैं। कई जगह सीवर और पेयजल पाइप क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिससे सड़कों पर लगातार पानी रिसता रहता है। हालात इतने खराब हैं कि जगह-जगह कीचड़ और गंदे पानी के तालाब बन गए हैं।

नागरिकों का कहना है कि शुक्रवार को एक ठेकेदार मरम्मत के लिए आया, पर उसने काम अधूरा छोड़कर चला गया। इससे न सिर्फ पानी का रिसाव बढ़ गया, बल्कि दूसरे पाइप और सड़कें (Varanasi) भी टूट गईं। लोगों का कहना है कि यह “अधूरा काम, अधूरी जिम्मेदारी” अब इस वार्ड की पहचान बन गई है।
लोगों का यह भी आरोप है कि वर्तमान पार्षद पति बिजनेस के कारण महीनों शहर से बाहर रहते हैं, जिससे वार्ड की समस्याओं की सुध लेने वाला कोई नहीं होता। कई बार नागरिकों ने सफाई कर्मियों और ठेकेदारों की लापरवाही की शिकायत की, लेकिन किसी ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

सचमुच जहां वाराणसी (Varanasi) के अन्य वार्डों में नालों की सफाई, पेयजल लाइन का नवीनीकरण और सड़क निर्माण के कार्य तेजी से चल रहे हैं, वहीं सरैयां वार्ड 87 इस सूची से बाहर नजर आ रहा है। लोगों का कहना है कि इस बार नगर निगम के बजट में भी उनके वार्ड के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया।
स्थानीय लोगों ने वाराणसी नगर निगम और क्षेत्रीय अधिकारियों (Varanasi) से अपील की है कि वे जल्द से जल्द इलाके का निरीक्षण करें और समस्या का स्थायी समाधान निकालें।

