- हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ताओं ने एडीएम प्रोटोकॉल को लिखा पत्र
वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिम पक्ष के द्वारा वजू करने और टॉयलेट बनाने का सुझाव देने का मामला गरमा गया है। हिंदू पक्ष के वादियों ने परिसर के अंदर वजू के लिए किसी प्रकार के नए निर्माण पर आपत्ति जताई है। वहीं, यह भी कहा है कि आदि विश्वेश्वर के परिसर में किसी तरह का टायॅलेट बनाना अनुचित है। यह मंदिर गरिमा के विरूद्ध है। हिंदू पक्ष ने डीएम पोर्टिको के सामने प्रदर्शन भी किया और फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया।
हिंदू पक्ष की ओर से वादी राखी सिंह के अधिवक्ता शिवम गौर ने वाराणसी एडीएम प्रोटोकॉल को पत्र भी लिखा। उन्होंने कहा कि इस अति संवेदनशील परिसर के अंदर किसी तरह का बदलाव या छेड़छाड़ अनुचित है। वजू के लिए मोबाइल टॉयलेट और फाइबर टैंक की व्यवस्था परिसर से बाहर की जाए। ज्ञानवापी के मुख्य परिसर से करीब 100-200 मीटर की दूरी पर ये इंतजाम कराए जाए। यहां पर शिवलिंग जैसी आकृति मिली है। टॉयलेट या वजू के लिए टंकी बनने से हिंदू आस्था को चोट पहुंच सकती है। किसी तरह का क्रियाकलाप न करके मंदिर की प्रतिष्ठा को बनाए रखे। ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को डीएम एस. राजलिंगम ने परिसर के अंदर मुस्लिम पक्षकारों से वार्ता की। मुस्लिम पक्षकारों ने ज्ञानवापी परिसर में वजू स्थल और टॉयलेट की मांग रखी थी। अलविदा की नमाज और ईद की नमाज पर रमजान के बाद भी स्थाई व्यवस्था बनाए रखने की बात कही।
ये है पूरा मामला
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में परिसर का सर्वे कराने के दौरान वुजू स्थल पर शिवलिंग जैसी आकृति मिलने का दावा किया गया था। इसके बाद इस इलाके को जिला कोर्ट के आदेश पर सील कर दिया गया। इससे मस्जिद में नमाज पढ़ने वालों को वुजू करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी को लेकर ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंध कमेटी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।