बढ़ते धूल और वायु प्रदुषण आम जनमानस के लिए घातक साबित हो रहे हैं। इससे लोगों में अस्थमा की बीमारी उत्त्पन्न हो जा रही है। अस्थमा जिसे दमा के नाम से जानते हैं एक ऐसी बीमारी है जिसमें फेफड़ों को सांस लेने में मुश्किल होती है। अस्थमा में मरीज को सांस नलियों में सूजन आ जाती है जिससे सांस लेने का मार्ग सिकुड़ जाता है। ऐसे में ब्रॉनकायल टयूब्स के जरिए सांस फेफड़ों के अंदर और बाहर जाती है। जब इस रास्ते में सूजन बढ़ जाती है तो सांस लेने में और ज्यादा कठिनाई होती है। अस्थमा के मरीज को सांस लेने में तकलीफ, खांसी, घरघराहट और सीने में जकड़न जैसे लक्षण रहते हैं। कई बार खांसी की वजह से फेफड़ों में कफ जमने लगता है, जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे में आप योग के जरिए सांस की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं। आप इन 5 योगासन को रोजाना कर सकते हैं।
अर्ध मत्स्येंद्रासन
अस्थमा के मरीज अर्ध मेरुदंड मरोड़ आसन कर सकते हैं। इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन अच्छी तरह से पहुंचता है और छाती खुलती है। अस्थमा के मरीजों को इससे काफी आराम मिलता है।
पवनमुक्तासन
ये योगासन उदर के अंगों की मालिश करता है और पाचनक्रिया को मजबूत बनाता है। इससे गैस पास होने और गैस की समस्या में मदद मिलती है। अस्थमा के रोगियों के लिए ये अच्छा योगासन है।
सेतुबंधासन
अस्थमा के रोगियों के लिए ये आसान बहुत अच्छा है। इसमें बनने वाली सेतुमुद्रा से छाती और फेफड़ों का रास्ता खुलता है। थायरॉयड और अस्थमा के मरीजों के लिए ये अच्छा योगासन है। इससे पाचन में भी सुधार आता है।
भुजंगासन
अस्थमा के मरीजों के लिए भुजंगासन बहुत अच्छा है। इसमें कोबरा मुद्रा में रहने पर छाती में होने वाली सांस संबंधी परेशानी दूर होती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में मदद मिलती है।
अधोमुख श्वानासन
साइनेस और अस्थमा से परेशान मरीजों के लिए अधोमुख श्वानासन अच्छी योग मुद्रा है। इससे मन शांत होता है और तनाव दूर रहता है। अस्थमा के मरीजों के लिए ये योग फायदेमंद है।