- दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के मुंशी घाट मोहल्ले से आत्महत्या की खबर (सनसनीखेज) सामने आयी
- एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने कोई विषाक्त्त पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली
वाराणसी | आए दिन आत्महत्या की खबर ऐसे सुनने को मिल रही जैसे यह एक आम बात हो गयी हो लेकिन आज दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के मुंशी घाट मोहल्ले से आत्महत्या की एक ऐसी दिल देहला देने वाली खबर (सनसनीखेज) सामने आयी है जिसे सुनकर आपके रौगंटे खड़े हो जाएंगे। जब एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने कोई विषाक्त्त पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। उनमें एक आठ साल का मासूम बच्चा भी शामिल है।

यह खबर (सनसनीखेज) दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के मुंशी घाट मोहल्ले की है जब किराय के एक मकान में रहने वाले एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने आज (गुरूवार) सुबह विषाक्त पदार्थ (जहर) खाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, इन तीन सदस्यों में पिता जर्नादन तिवारी (67), बेटा अश्विनी तिवारी (27) और भांजा दीपू तिवारी (08) शामिल है। ये लोग चाय बेचने का कार्य करते थे और बच्चा दीपू पढ़ाई करता था। सबसे छोटा बेटा भरत तिवारी जब सुबह चाय बेचकर वापस लौटा तो तीनों को इसने मृत पाया। उसके बाद जैसे पूरे क्षेत्र के लोग सन्न रह गये। पुलिस को इसकी सूचना दी गयी और सूचना मिलते ही पुलिस और फॉरेंसिक टीम वहां पहुंची और इस घटना (सनसनीखेज) का जांच पड़ताल शुरू किया। वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया।
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जानकारी के मुताबिक, यह लोग गाजीपुर के रहने वाले थें जो पिछले 6 साल से वाराणसी में रह रहें थें और इस मकान में वह दो साल से निवास कर रहें थें। यह भी बात सामने आ रही है कि बेटा अश्विनी की उसके पिता से आए दिन पैसों को लेकर विवाद हुआ करता था।
इस सनसनीखेज घटना से जुडी पूरी जानकारी दी डीसीपी आर. एस. गौतम ने
इस घटना (सनसनीखेज) के बारे में डीसीपी काशी जोन आर. एस. गौतम ने पूरी जानकारी साझा करते हुए बताया कि किराये के मकान में एक परिवार रहता था जिसमें तीन बच्चे और एक पिता रहते थें। उन तीन बच्चों में दो उस पिता के संतान और एक भांजा था। उनमें से सबसे छोटा बेटा भरत तिवारी चाय बेचने के लिए गया था और जब घर आया तो घर बंद मिलने पर वह बगल वाले घर में जाकर सो गया।

उसके बाद जब वह करीब 9 या 10 बजे उठा तो उनसे घर का दरवाजा फिर से खटखटाया लेकिन कोई जवाब ना आने पर उसने मकान मालिक के मदद से दरवाजा तुड़वाया और अंदर गया। अंदर उन्होंने देखा कि तीनों के शव बिस्तर पर पड़े थे और खाने की थाली भी लगी थी। इसके साथ ही थाली के पास सल्फास भी मिला जिनसे यह लग रहा ही इन्होंने कोई विषाक्त पदार्थ खा लिया है जिसके वजह से यह घटना (सनसनीखेज) घटित हुई है।
उन्होंने बताया कि जैसे ही हमें सूचना मिली हम अपनी टीम के साथ यहां पहुंचे और हमारे साथ फॉरेंसिक टीम और अन्य टीमें भी मौजूद है। इस घटना (सनसनीखेज) जांच-पड़ताल चल रहीं है और हमने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया गया है।
वहीँ छोटे बेटे भरत तिवारी ने बताया कि मैं रात को 8 बजे चाय बेचने गया था और चाय बेचकर सुबह 6 बजे घर वापस आया तो घर का दरवाजा बंद मिला। ऐसा लगा कि पिताजी सो रहे होंगे तो फिर मैं आराम करने के लिए बगल वाले घर में चला गया था। जब 8 या 9 बजे के करीब फिर से दरवाजा खटखटाया लेकिन दरवाजा नहीं खुला। जिसके बाद मैंने मकान मालिक को बुलाया और दरवाजा खोलवाया। दरवाजा खुलने पर मैंने तीनों लोग पर बिस्तर पर पड़ा पाया जिसके बाद उनपर पानी का छिटा डाला लेकिन वह नहीं उठे तब पता चला कि वह मर चुके हैं।
भरत ने यह भी बताया कि कभी-कभी पिता और भाई अश्विनी में रूपये को लेकर कुछ कहा-सुनी और विवाद हो जाता था।