नई दिल्ली। अब स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में तंबाकू का किसी भी रूप में इस्तेमाल छात्रों के लिए भारी पड़ सकता है। शिक्षा मंत्रालय ने तंबाकू के उपयोग पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें अनुशासनात्मक कार्रवाई और जुर्माने का प्रावधान शामिल है। इस नियम के तहत प्रत्येक कक्षा में एक ‘तंबाकू मॉनीटर’ नियुक्त किया जाएगा, जो उसी कक्षा का छात्र होगा।
यह व्यवस्था कक्षा नौ और उससे ऊपर की कक्षाओं में लागू की जाएगी। तंबाकू मॉनीटर अपने सहपाठियों द्वारा तंबाकू के उपयोग पर नजर रखेगा और इसकी सूचना तंबाकू मॉनीटर टीचर को देगा, जो आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
जारी की गई नई गाइडलाइन
युवाओं में तंबाकू के बढ़ते उपयोग को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए अभियान शुरू किया है। इसके तहत जारी की गई गाइडलाइन में निर्देश दिया गया है कि शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित होगी।
संस्थान के चारों ओर तंबाकू प्रतिबंधित क्षेत्र से संबंधित बोर्ड और बैनर लगाए जाएंगे, विशेषकर प्रमुख स्थानों जैसे स्कूल गेट, असेंबली ग्राउंड और खेल के मैदान में। इसके अलावा, शिक्षकों में से भी एक तंबाकू मॉनीटर नियुक्त किया जाएगा।
27 करोड़ युवा करते हैं तंबाकू का इस्तेमाल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में लगभग 27 करोड़ युवा किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं, जिसमें 15 साल से अधिक उम्र के भी शामिल हैं। तंबाकू का सबसे ज्यादा उपयोग त्रिपुरा में होता है, जहां लगभग 65 प्रतिशत लोग इसका सेवन करते हैं।
नई गाइडलाइन के अनुसार, शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों को तंबाकू का उपयोग करने वाले छात्रों पर जुर्माना लगाने का अधिकार दिया गया है। हालाँकि, संस्थानों के आसपास तंबाकू की बिक्री पहले से प्रतिबंधित है, लेकिन इसका सख्ती से पालन कम ही जगहों पर हो रहा है।