Tridev Temple in Varanasi: वाराणसी मंदिरों का शहर है। इस शहर में जहां महादेव के मंदिर हैं, तो वहीँ महादेवी की आराधना भी होती है। यहां श्री राम के अराध्य शिवशंकर की पूजा होती है, तो भगवान श्री कृष्ण के भी मंदिर हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक ऐसा मन्दिर भी वाराणसी में है, जिसका जुड़ाव राजस्थान से है। जी हां, हम आपको आज इस मंदिर के बारे में बताने जा रहे इस मंदिर का इतिहास राजस्थान से है तथा यह ‘त्रिदेव मंदिर’ के नाम से विख्यात है।
Tridev Temple: 7 वर्षों में हुआ निर्माण
वाराणसी के दुर्गाकुंड के समीप स्थित इस मंदिर का संचालन ‘राणीसती श्याम सेवा ट्रस्ट’ द्वारा संचालित होता है। ट्रस्ट के अध्यक्ष भरत सर्राफ ने बताया कि इसका निर्माण सन् 2002 में शुरू किया गया तथा 2009 में इस मंदिर की स्थापना की गई।
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Tridev Temple: राजस्थान के तीन जिलों से है कनेक्शन
इस मंदिर में तीन देवी देवताओं की प्रतिमाएं हैं। मंदिर में प्रथम प्रतिमा राणीसती की है, जिनका मंदिर राजस्थान के झुनझुन जिले में हैं। वहां इन्हें राणीसती दादी के नाम से भी पूजा जाता है। बीच की प्रतिमा खाटू श्याम जी की है, जिनका मंदिर शिखण जिले में है। अंतिम प्रतिमा सालासर बाला जी (हनुमान जी) की है, जिनका मंदिर राजस्थान के ही चुरू जिले में है। तीन देवी देवताओं की प्रतिमा होने के कारण इस मंदिर का नाम त्रिदेव मंदिर पड़ा।

Tridev Temple: बनावट है अदभुत
इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर की नक्काशी टूरिस्ट को अपनी ओर खींचती है। मंदिर को बाहर से देखकर यह लगता ही नहीं कि यह एक मंदिर है। ऐसा लगता है मानो यह दुर्गा पूजा में बना कोई पूजा पंडाल हो। durga पूजा घुमने आने वाले बाहरी यात्री पहले तो इसके भीतर पंडाल समझकर प्रवेश लेते हैं, लेकिन अंदर आने पर सीन कुछ और ही होता है।
Tridev Temple: अदर स्टेट्स से भी आते हैं लोग
इस मंदिर की ख़ूबसूरती को अवलोकन करने दूर-दराज से भी लोग आते हैं। यहाँ आकर टूरिस्ट को एक अजब सी शांति मिलती है।