शिक्षकों को अब प्रतिकर व पढ़ाई की छुट्टी नहीं
किसी भी डाक्टर का जारी प्रमाणपत्र होगा मान्य, विशेष सचिव ने जारी किया आदेश
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को दिए जाने वाले विभिन्न तरह के अवकाश लेने की व्यवस्था में बदलाव किया है। अब तक अवकाश लेने पर लिए जाने वाले एफिडेविट की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा प्रतिकर और पढ़ाई के लिए मिलने वाले अवकाश को समाप्त कर दिया गया है।
विभाग में वर्तमान में किसी तरह की छुट्टी के लिए स्टांप पेपर पर शपथ पत्र लिया जा रहा है। इस व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। वहीं चिकित्सा प्रमाण पत्र के लिए पहले सरकारी चिकित्सक ही मान्य थे। इसे संशोधित करते हुए अब सभी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर को शामिल कर लिया गया है। इसी तरह बाल्य देखभाल अवकाश एक बार में स्वीकृत करने के लिए अधिकतम दिन तय नहीं था। इसमें एक बार में अधिकतम 30 दिन की तय की गई है। चुनाव, जनगणना, बोर्ड परीक्षा आदि से जुड़े मामलों में खंड शिक्षा अधिकारी/ बीएसए अपने स्तर से निर्णय लेंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव ऋषिकेश दुबे की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को गर्मी व जाड़े की छुट्टी में शासन की ओर से अधिकृत अधिकारी के आदेश पर अर्जित अवकाश दिया जाएगा। उन्होंने कहा है कि परिषदीय विद्यालयों में काम कर रहे कर्मचारियों को अवकाश, प्रतिकर अवकाश व शिक्षा अवकाश मान्य नहीं होगा।
सरकार के फैसले से शिक्षकों में नाराजगी
प्रतिकर व शिक्षा अवकाश समाप्त करने से शिक्षकों में नाराजगी है। उनका कहना है कि अगर कोई शिक्षक उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहता है तो उसे अवकाश मिलना चाहिए। क्योंकि, पूर्व में भी बिना वेतन के ही उसका अवकाश स्वीकृत किया जाता था। इसी तरह प्रतिकर न देने का कोई औचित्य समझ में नहीं आया।
sudha jaiswal